नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के पास आते ही केंद्र की भाजपा सरकार ने भी कमर कास ली है, सरकार ने लोकपाल की घोषणा कर दी है और एक बार फिर विपक्ष से ठीक चुनाव के पहले एक आहम मुद्दा हथिया लिया है. देश को जल्द ही पहला लोकपाल मिलने वाला है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल बनाने की सिफारिश की गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रख्यात कानूनविद मुकुल रोहतगी की चयन समिति ने शुक्रवार को उनका नाम तय किया और उनके सिफारिश की. इस बावत सोमवार को आधिकारिक घोषणा हो सकती है.
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे भी चयन समिति के सदस्य हैं, लेकिन वे चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने जस्टिस घोष की नियुक्ति से जुड़ी फाइल राष्ट्रपति के पास भेज दी है. लोकपाल भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्था है. इस कमेटी में एक चेयरमैन, एक न्यायिक सदस्य और एक गैर न्यायिक सदस्य होते हैं.
बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक में शामिल होने की सरकार की पेशकश को लगातार सातवीं बार खारिज करते हुए कहा था कि ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के लोकपाल चयन समिति का हिस्सा होने या इसकी बैठक में शामिल होने का कोई प्रावधान नहीं है.
पीसी घोष सुप्रीम कोर्ट ने मई 2017 को रिटायर हुए थे, वे इस वक्त राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं. पीसी घोष तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की सहयोगी रही शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहरा चुके हैं.