दंतेवाड़ा: आधुनिक होता रहन-सहन, खानपान और जागरूकता के अभाव में कैंसर जैसी बीमारी बढ़ रही है। लोग दिखावे के चक्कर में कैंसर को अपनाते हैं और पता चलने के बाद भी उपचार में कोताही करते हैं। कैंसर लाइलाज नहीं है लेकिन जितनी जल्दी हो उपचार करवाना चाहिए। यह बातें विशाखापटनम से पहुंचे विशेषज्ञ चिकित्सक ने कही है।
एनएमडीसी के सहयोग से किरंदुल में कैंसर जांच व उपचार का शिविर लगाया गया था। जहां 40 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। इनमें करीब आधा दर्जन लोगों में मुंह और स्तन कैंसर के लक्षण पाए गए हैं। जिन्हें प्रारंभिक जांच के बाद आगे परीक्ष्ाण और उपचार शुरू करने की सलाह दी गई है। विशाखापटनम से आए डॉ हरिश कुमार ने बताया कि जागरूकता के अभाव में लोगों को बीमारी होती है। आधुनिक हो रहे समाज और गलत खानपान से कैंसर जैसी बीमारियों की चपेट में लोग आते हैं। कभी बीमारी के संबंध में पता भी चल जाए तो लोग उपचार में देरी करते हैं। जिससे रोग और बढ़ जाता है। डॉ हरिश के मुताबिक कैंसर गंभीर रोग जरूर हैं लेकिन लाइलाज नहीं। हर तरह के कैंसर का उपचार आज संभव है। बशर्ते उसकी सही पहचान समय पर हो जाए। बीमारी के स्टेज के आधार पर उपचार किया जाए तो जल्द लाभ मिलेगा। डॉक्टर का मानना है कि उपचार से पहले जागरूकता जरूरी है। लोगों में जागरूकता की कमी से बीमारी के शिकार हो रहे हैं। तंबाखू, सिगरेट ,अल्कोहल की लत से मुंह और फेफड़ों में कैंसर हो रहा है। इसी तरह महिलाएं आधुनिक होने के फेर में बच्चों को अपना दूध नहीं पिलाती और अन्य वजह से स्तन कैंसर की चपेट में आ रही है। डॉक्टर ने कहा कि स्तन में गांठ बनने और मुंह में छाले आने के बाद जल्द ठीक नहीं हो तो तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टरों को दिखाना चाहिए। इसके बाद सही उपचार शुरू करनी चाहिए। पान- सिगरेट का सेवन बंद कर देना चाहिए। लेकिन इस ओर ध्यान नहीं देने से बीमारी धीरे- धीरे भयावह स्थिति में पहुंच जाती है। डॉक्टर ने दंतेवाड़ा जैसे जिलों में कैंसर के मरीज पाए जाने पर चिंता जाहिर करते जागरूकता पर जोर दिया है।
कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ हरीश ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले में कैंसर जैसे बीमारियों की जांच पड़ताल हाई टेक्नोलॉजी हॉस्पिटल जैसे सुविधा मिलने पर स्थानीय लोगो मे भी एन एम डी सी परियोजना की इस पहल का स्वागत किया है ।उम्मीद जताई कि आगे भी इस तरह के कैम्प लगते रहे ताकि लोगो को सीधे इसका लाभ मिल सके।