सुकमा: जिला पंचायत अध्यक्ष कवासी हरीश लखमा द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छत्तीसगढ़ शासन के मुखिया माननीय भूपेश बघेल जी द्वारा राजधानी रायपुर स्थित पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम कुशा भाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय से बदलकर पृथक छत्तीसगढ़ राज्य के प्रणेता , पूर्व सांसद , श्रमिक नेता व अंतरराष्ट्रीय पत्रकार स्व. चंदूलाल चंद्राकर पत्रकारिता विश्वविद्यालय करने के शासन के ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करते हुए कवासी हरीश ने कहा कि यह जग जाहिर है कि कुशाभाऊ ठाकरे जी का न छत्तीसगढ़ से कोई संबंध था और न ही पत्रकारिता के क्षेत्र से उनका कोई सरोकार था। इसी प्रकार कामधेनु विश्वविद्यालय का नाम अंचल के जुझारू किसान व श्रमिक नेता तथा पूर्व विधायक स्व. वासुदेव चंद्राकर जी के नाम पर किए जाने की घोषणा का भी हम स्वागत करते हैं।
दिया है कि छत्तीसगढ़ की माटी और माटी पुत्रों और विभूतियों के प्रति उनके मन मे न कोई सम्मान है और न ही छत्तीसगढ़ की अस्मिता से उनका कोई वास्ता है । अजय चंद्राकर जी का वक्तब्य छात्तीसगढिया आत्मसम्मान विरोधी और भर्त्सना करने योग्य है । माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा छत्तीसगढ़ की विभूतियों को उचित सम्मान देने के कदम का पुनः स्वागत व अभिनंदन करते हुए पूरे सुकमा जिले छत्तीसगढ़ वासियों द्वारा आभार प्रकट करता हूँ।
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