जेल में खेती का गोशाला कनेक्शन, लाखों कमाई

0 min read

अभिषेक सिंह,सीतापुर
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में प्रशासन ने इस बार खेती में लाखों का मुनाफा कमाया है। जिला कारागार सीतापुर में 14.56 एकड़ भूमि कृषि योग्य हैं जिस पर जेल में बंद बंदियों से खेती करवाकर उन्हें मजदूरी दी जाती है। के मुताबिक, इस बार सीतापुर जेल ने खेती करके लाखों का मुनाफा जमा किया है और जेल में बंद बंदियों को 25 रुपये दिहाड़ी की दर से मजदूरी भी दी गई है। जेल प्रशासन का कहना है कि जेल में बंद बंदियों को यहां उन्नत खेती भी सीखने को मिलती है, जिससे वे जब यहां से बाहर निकलें तो उन्नत खेती करके अपनी आय में बढ़ोत्तरी कर सकें।

जेल अधीक्षक डी.सी.मिश्रा का कहना है कि जेल प्रशासन ने इस बार की थी। उन्होंने बताया कि इस जेल में बंदी उन्नत खेती करते हैं क्योंकि पिछले वर्ष कृषि वैज्ञानिकों ने 40 बंदियों को 45 दिन की उन्नत खेती की ट्रेनिंग दी थी। जिसके फलस्वरूप यहां होने वाली सब्जियों की सप्लाई सीतापुर कारागार के अलावा लखीमपुर,लखनऊ,कानपूर कारागार में भी की जाती है। जेल अधीक्षक का कहना है कि पिछले सीजन में सब्जियों की खेती में बंदियों को मजदूरी में 25 रुपये की दर से कुल 4.64 लाख रुपये भुगतान किए गए थे। अधीक्षक का कहना है कि सब्जियों की खेती से जिला कारागार को 45.73 लाख रुपये का लाभ हुआ है।

जेल में स्थापित है गोशाला
जेल अधीक्षक का कहना है कि कारागार की खेती में उत्पादन बढ़ाने के लिए गोमूत्र अधिक मात्रा में सक्षम है और गोबर की खाद भी काफी कारगर साबित होती है। इसी लिहाज से कारागार में गोशाला भी स्थापित की गई है। जिसमें 40 गायें हैं और 20 गायें दूध भी देती हैं। उनका कहना है कि इन गायों के दूध से जेल के पूरे स्टॉफ और बंदियों की चाय का इंतजाम किया जाता है और साथ ही साथ जेल में बंद 70 महिलाएं, जिनके साथ 7 बच्चे भी हैं, उनके लिए दूध का इंतजाम भी इन्हीं गायों से हो जाता है, जिससे बाहर का दूध नहीं खरीदना पड़ता है। अधीक्षक का कहना है कि इस वर्ष सब्जी की खेती में 10 लाख 63 हजार 098 रुपये की लागत लगी थी, जिसके उपरांत सब्जियां तैयार होने पर उनकी सप्लाई में 56 लाख 37 हजार 094 रुपये की आमदनी हुई है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours