हालांकि उन पर उल्लंघन का जो आरोप लगा है, वह किस तरह का था, इसको लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। तिहाड़ा बीसीसीआई (BCCI) में दिल्ली क्रिकेट के प्रतिनिधि हैं और राज्य की क्रिकेट संस्था के प्रभावी अधिकारी हैं। मार्च के मध्य से ही उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है जिससे उनके गुट के सदस्यों सहित अधिकारी घबराए हुए थे।
डीडीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘काफी समय तो हमें लगा कि विनोद को कोविड-19 के लिये पॉजिटिव पाया जा चुका है। एक दो लोगों ने उनके परिवार के सदस्यों से संपर्क किया था तो उन्हें बताया गया कि वह अलग रह रहे हैं। उनका फोन पिछले एक महीने से बंद हैं।’ धन की हेराफेरी को लेकर डीडीसीए के लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दीपक वर्मा ने ऑनलाइन सुनवाई के दौरान संस्था के एक वकील और उनके करीबी ने शीर्ष परिषद के सदस्यों को बताया कि उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है।
अधिकारी ने कहा, ‘हम सभी परेशान हो गए क्योंकि 15 मार्च तक हम सभी तिहाड़ा से अलग अलग जगहों पर मिले थे। हमने उन्हें कहा कि हमें इस बारे में सूचित क्यों नहीं किया गया क्योंकि हमें भी खुद को पृथक रखने की जरूरत थी।’ उन्होंने कहा, ‘तब उन्होंने कहा कि अगर आप लोग कोविड-19 पॉजिटिव होते तो तुम्हें अभी तक पता चल जाता। यह बहुत ही संदेह वाली बात थी।’ लॉकडाउन के कारण यह तो समझा जा सकता है कि उनकी जमानत की याचिका टाल दी गयी है।