टैक्स का नया विकल्प चुना तो बड़ा नुकसान?

1 min read

प्रगति कपूर, प्रीति मोतियानी/नई दिल्ली
केंद्रीय वित्त मंत्री ने शनिवार को पेश बजट में करदाताओं को इनकम टैक्स पे करने के दो विकल्पों का तोहफा दिया है। नए विकल्प में टैक्स रेट कम रखे गए हैं, लेकिन इसमें टैक्सपेयर्स को तमाम टैक्स छूट से वंचित कर दिया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि अगर आपने टैक्स के नए विकल्प का चयन किया तो आपको सेक्शन 80सी, सेक्शन 80डी, एचआरए पर टैक्स छूट तथा हाउजिंग लोन पर टैक्स छूट के फायदों से हाथ धोना पड़ेगा। इसलिए करदाता इस उलझन में हैं कि उनके लिए कौन सा विकल्प फायदेमंद होगा, पुराना या नया।

ईवाई इंडिया के टैक्स पार्टनर शालिनी जैन ने कहा, ‘नई टैक्स व्यवस्था में कम दर पर टैक्स भुगतान करने का विकल्प होगा, लेकिन इसमें किसी भी तरह का डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा। टैक्सपेयर्स के लिए कौन सा विकल्प फायदेमंद होगा इसके लिए उन्हें नए तथा पुराने टैक्स विकल्प के तहत अपनी टैक्स देनदारी का कैलकुलेशन करना पड़ेगा।’

पढ़ें :

नया आसान लेकिन हो सकता है नुकसान
उन्होंने कहा, ‘नया विकल्प आसान है, क्योंकि इसमें किसी भी तरह के डिडक्शन के लिए कोई माथापच्ची नहीं करनी है। लेकिन अगर आप पहले ही टैक्स सेविंग के लिए विभिन्न साधनों में निवेश कर चुके हैं और चाहते हैं कि डिडक्शन का फायदा लें तो आप पुराने वाले टैक्स विकल्प का ही चयन करें।’

पढ़ें :

अगर टैक्सपेयर्स टैक्स पे करने के नए विकल्प का चयन करते हैं तो उन्हें निम्नलिखित इग्जेंप्शन से हाथ धोना पड़ेगा।

1. वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलने वाला लीव ट्रैवेल अलाउंट इग्जेंप्शन।

2. वेतनभोगी कर्मचारियों को सैलरी के हिस्से के रूप में मिलने वाला ‘हाउस रेंट अलाउंस इग्जेंप्शन’।

3. सैलराइड टैक्सपेयर्स को मिलने वाला 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन।

4. आयकर अधिनियम के सेक्शन 16 के तहत इंटरटेनमेंट अलाउंस और एंप्लॉयमेंट/प्रफेशनल टैक्स के लिए डिडक्शन।

5. सेल्फ ऑक्यूपाई या खाली मकान के हाउजिंग लोन के इंट्रेस्ट पर मिलने वाला टैक्स बेनिफिट।

6. इनकम टैक्स के सेक्शन 57 के क्लॉज (iia) के तहत फैमिली पेंशन पर 15,000 रुपये की टैक्स छूट।

7. सेक्शन 80D के तहत मेडिकल इंश्योरेंस पर मिलने वाला डिडक्शन भी क्लेम नहीं कर पाएंगे।

8. सेक्शन 80DD तथा 80DDB के तहत डिसेबिलिटी के लिए मिलने वाला टैक्स छूट भी नहीं ले पाएंगे।

9. सबसे लोकप्रिय टैक्स छूट 80C का फायदा भी नए टैक्स विकल्प में नहीं मिलेगा।

10. सेक्शन 80ई के तहत एजुकेशन लोन पर मिलने वाला टैक्स बेनिफिट भी क्लेम नहीं कर पाएंगे।

11. आईटी ऐक्ट के सेक्शन 80G के तहत चैरिटेबल इंस्टिट्यूशंस को दिए गए दान पर मिलने वाले टैक्स छूट का फायदा भी नहीं मिल पाएगा।

आयकर अधिनियम के चैप्टर 6ए के तहत मिलने वाले तमाम डिडक्शंस जैसे सेक्शन 80C, 80CCC, 80CCD, 80D, 80DD, 80DDB, 80E, 80EE, 80EEA, 80EEB, 80G, 80GG, 80GGA, 80GGC, 80IA, 80-IAB, 80-IAC, 80-IB, 80-IBA, इत्यादि का फायदा आप नए टैक्स विकल्प में नहीं उठा पाएंगे।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours