मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का अयोध्या में मंदिर निर्माण की तिथि पांच अगस्त तय होने के बाद से विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। वहीं वीएचपी ने सोमवार को कहा कि रामजन्मभूमि मंदिर का मुद्दा ठंडे बस्ते में नहीं रखा जा सकता और केवल यही उचित होगा कि अयोध्या जाकर भूमि पूजन करें और मंदिर निर्माण का कार्य आगे बढ़े। वीएचपी का यह बयान एनसीपी प्रमुख शरद पवार की टिप्पणी के बाद आया है।
दरअसल वीएचपी का यह बयान एनसीपी प्रमुख शरद पवार की उस टिप्पणी के बाद आया जिसमें उन्होंने रविवार को कहा था कि कुछ लोगों को लगता है कि मंदिर बनाने से कोरोना वायरस महामारी को खत्म करने में मदद मिलेगी। जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में की आधारशिला रखने के लिए अगले महीने की दो तारीखों का सुझाव दिया था, जिसके बाद पवार की यह टिप्पणी आई थी।
दिग्विजय ने भी दिया था साथ
पवार की इस टिप्पणी का कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने समर्थन किया था और उन्हें संबोधित करते हुए ट्वीट किया था, ‘काश मोदी़ शाह आपके कहने पर चलते तो देश के यह हालात नहीं होते।’ ट्रस्ट ने तीन या पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिलान्यास करने के लिए आमंत्रित किया है।
‘समझ से परे है बयान’
वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि इस संबंध में शरद पवार और दिग्विजय सिंह की ओर से दिया गया बयान उनकी ‘समझ से परे’ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश की सरकार और अन्य राज्य सरकारें कोरोना महामारी का मजबूती से मुकाबला कर ही हैं।
PM मोदी आगे बढ़ाएं निर्माण कार्य
रामजन्मभूमि मंदिर का मुद्दा ठंडे बस्ते में नहीं रह सकता। केवल यही उचित होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या जाएं, वहां भूमि पूजन करें और मंदिर निर्माण का कार्य आगे बढ़े।’ कुमार ने कहा कि इस दौरान सभी प्रकार की सावधानियां बरती जाएंगी और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।
जारी रहें सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां
वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार कुमार ने कहा कि कोरोना हालांकि अभी कुछ समय तक रहने वाला है लेकिन देश और जीवन अनिश्चित समय के लिए नहीं थम सकता। सावधानियों के साथ जिंदगी पटरी पर लाने के प्रयास हो रहे हैं। अर्थव्यवस्था, उद्योग और सेवाओं को पटरी पर लाना जरूरी है और इस दिशा में प्रयास भी हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘इसी प्रकार हर सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां भी चलती रहनी चाहिए।
+ There are no comments
Add yours