मध्य प्रदेश के से पिछले दिनों एक शर्मनाक घटना सामने आई थी। एक इलाके में वायरस के संदिग्धों की जांच करने गई मेडिकल टीम पर पथराव हुआ था। किसी तरह दो महिला डॉक्टर्स जान बचाकर वहां से भागी थीं। इंदौर के मिजाज से उलट हुई इस घटना ने पूरे शहर को शर्मसार कर दिया था। हर तरफ, उन पत्थरबाजों की मज़म्मत हुई जो मुस्लिम बहुल इलाके से आए थे। अब इंदौर की इस घटना के लिए शहर के कई मुस्लिम संगठनों ने अखबार में विज्ञापन देकर माफी मांगी है।
क्या लिखा है इसमें की ओर से इस माफीनामे में लिखा है कि डॉ तृप्ति कटारिया, डॉ जाकिया सैयद, समस्त डॉक्टर्स, नर्सेज, मेडिकल टीम, शासन-प्रशासन के समस्त अधिकारी, सभी पुलिसकर्मी, आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, संस्थाएं और समस्त लोग जो इस आपदा से बचाव में लगे हुए हैं। हमारे पास अल्फाज नहीं जिससे हम आपसे माफी मांग सकें, यकीन कीजिए हम सभी शर्मसार हैं हर उस अप्रिय घटना के लिए जो जाने-अनजाने अफवाहों में आकर हुई। हम इकरार करते हैं कि उस रब के बाद आप लोग हीं हैं जो हमेशा से हमारी हर बीमारी में, हर मुश्किल समय में हमारे लिए दीवार बनकर खड़े रहें। इसलिए आज हम दिल से आप सभी से माफी मांगना चाहते हैं, हमें माफ कर दीजिए। हम उस वक्त में पीछे जाकर उसे सुधार तो नहीं कर सकते पर वादा कर सकते हैं कि भविष्य में समाज की हर कमी को खत्म करने की हर संभव कोशिश करेंगे।
18 मरीज वहां से कोरोना पॉजिटिव मिले
इंदौर के जिए टाटपट्टी बाखल इलाके में हुआ, वहां अगले ही दिन फिर से जांच के लिए दोनों लेडी डॉक्टर पहुंच गई थी। दोनों ने उस इलाके से 18 कोरोना संक्रमित लोगों को ढूंढ निकाला है। ऐसा कर डॉक्टरों ने उस इलाके के हजारों लोगों की जिंदगी बचाई है।
स्थानीय लोगों ने भी मांगी थी माफी
पिछले बुधवार को पथराव के बाद गुरुवार को वहां डॉक्टरों की टीम जांच के लिए पहुंची थी। उसके बाद स्थानीय लोगों ने भी उनसे माफी मांगी थी। साथ ही कहा कि आप सब हमारी बहन जैसी हैं, हमें माफ कर दीजिए। कुछ बच्चों ने गलतफहमी की वजह से ऐसा कर दिया है। इसके लिए हमलोग शर्मिंदा है। आप सब हमारी जान बचाने ही आई है। बताया जाता है कि टीम उस दिन एक समोसे वाली चाची के घर जांच करने गई थी, महिला के शोर के बाद ही स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव शुरू हुआ था।
डॉक्टर्स ने सुनाई थी आपबीतीपत्थरबाजी में जख्मी हुई एक डॉक्टर ने कहा कि पहले तो मैं काफी डरी हुई थीं। उन्होंने कहा कि हमलोग वहां स्क्रीनिंग के लिए गए थे। हमलोगों को वहां पॉजिटिव के कॉन्टैक्ट की हिस्ट्री मिली थी, इसलिए वहां देखने गए थे। हमलोगों ने जैसे ही पूछताछ शुरू की, उनलोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। डॉक्टर तृप्ति कटारिया ने कहा कि मेरे साथ डॉक्टर जाकिया और एएनएम की टीम थी। डॉक्टर ने कहा कि वहां की स्थिति इतनी खराब थी कि हमलोग बच नहीं सकते थे। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने पहले वहां एक की स्क्रीनिंग की थी। मगर अचानक क्या हुआ कि पता ही नहीं चला।
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