ड्रैगन नरम, पैंगोंग में और पीछे हटी चीनी सेना

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नई दिल्‍ली
दोनों देशों के बीच अगले दौर की बातचीत से पहले चीन का रुख नरम हो चला है। पहले बनी सहमति के आधार पर उसने पैंगोंग झील से कुछ नावों को हटा लिया है। फिंगर 4 की रिजलाइन पर से भी चीनी सेना की मौजूदगी बेहद कम हो चली है। बॉर्डर पर टोटल डिसएंगेजमेंट की शर्तें तय करने के लिए दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल की बातचीत जल्‍द होने वाली है। पूर्वी लद्दाख से लगी सीमा पर तनाव 5 मई को तब बढ़ गया था जब पैंगोंग त्‍सो में दोनों सेनाएं टकरा गई थीं। हिंसक झड़प में दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए थे। इसके बाद, लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) पर तीन और जगह दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गईं।

अब पैंगोंग और डेप्‍संग पर रहेगा फोकसमिलिट्री कमांडर लेवल की बातचीत में, दोनों देशों का फोकस अब पैंगोंग त्‍सो और डेप्‍संग से सेना हटाने हटाने पर होगा। भारत की साफ पोजिशन रही है कि चीन फिंगर 4 और 8 के बीच के इलाके से सेना हटाए। इसके अलावा रियर बेसेज पर दोनों तरफ जो भारी तैनाती की गई है, उसे हटाने का रोडमैप भी तैयार हो सकता है। पूर्वी लद्दाख में LAC के दोनों तरफ, भारी संख्‍या में जवान, टैंक और आर्टिलरी तैनात किए गए हैं। भारत और चीन के बाद डिसएंगेजमेंट की औपचारिक शुरुआत सोमवार से हुई। जब राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को फोन मिलाया।

चीनी सेना गलवान घाटी, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्‍स से पीछे हट चुकी है। मेन फोकस अब पैंगोंग त्‍सो पर है। यहां फिंगर 4 की रिजलाइन से चीन पीछे हटा हैं। उन्‍होंने फिंगर 4 के किनारे पर बने स्‍ट्रक्‍चर हटा लिए हैं और झील में तैनात नावों को भी निकाल लिया है।

टोटल डिसएंगेजमेंट बातचीत का अगला टारगेटशुक्रवार को दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्‍तर की बातचीत हुई। इसमें कहा गया कि पूर्वी लद्दाख में ‘टोटल डिसएंगेजमेंट’ की तरफ बढ़ना है। मीटिंग में ही यह फैसला हुआ कि दोनों सेनाओं के सीनियर कमांडर्स के बीच आगे के कदमों को लेकर बातचीत होगी। दोनों देशों के बीच कई दौर की डिप्‍लोमेटिक और मिलिट्री लेवल बातचीत हो चुकी थी मगर रविवार शाम तक तनाव खत्‍म होने के आसार नहीं दिख रहे थे।

पहले ही बात मान लेता चीन तो नहीं होती गलवान में झड़प30 जून को दोनों सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल पर तीसरी बार बातचीत हुई थी। इसी में तनाव खत्‍म करने के लिए ‘चरणबद्ध डी-एस्‍केलेशन’ पर सहमति बनी। ले. जनरल लेवल पर पहली बातचीत 6 जून को हुई थी जिसमें गलवान घाटी से शुरू कर सभी तनाव वाली जगहों से जवानो को पीछे करने पर रजामंदी हुई थी। हालांकि चीन ने समझौते का पालन नहीं किया और 15 जून की रात हिंसक झड़प हुई। इसमें कमांडिंग ऑफ‍िसर समेत 20 भारतीय जवान शहीद हुए। चीन ने अपने मृत सैनिकों की संख्‍या नहीं बताई मगर अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट ने 35 मौतें होने का दावा किया है। इस घटना के बाद, बॉर्डर पर दोनों सेनाओं ने हजारों जवान तैनात कर दिए।

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