आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, 16 जिलों में 62,000 से ज्यादा लोगों के प्रभावित क्षेत्रों में पानी घुस गया है। जिससे बाढ़ पीड़ितों की संख्या 77 लाख से अधिक हो गई। विभाग के अनुसार, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा पश्चिम चंपारण, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा और सहरसा जिले भी बाढ़ से प्रभावित हैं।
बाढ़ प्रभावित जिलों के 125 प्रखंडों की 1,232 पंचायतों में 77 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। बाढ के कारण विस्थापित हुए लोगों को भोजन कराने के लिए 1,267 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गई है। दरभंगा जिला में सबसे अधिक 15 प्रखंडों की 220 पंचायतों में 20 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। बिहार के बाढ़ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 33 टीमों की तैनाती की गई है।
बिहार में बाढ़ से सबसे ज्यादा मौतें दरभंगा में हुई हैं। जिले में 10 लोग बाढ़ के कारण अपनी जान गवा चुके हैं। वहीं मुजफ्फरपुर में छह लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा पश्चिम चंपारण में चार और सारव व सिवान में दो-दो लोगों की मौत हुई है।
बिहार में बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, गंडक, बूढ़ी गंडक, कोशी, गंगा नदियों के जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आयी है. जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बागमती नदी सीतामढी, मुजफ्फरपुर एवं दरभंगा में, बूढी गंडक नदी मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर एवं खगडिया में, कमला बलान नदी मधुबनी में, गंगा नदी भागलपुर में खतरे के निशान से उपर बह रही है।
मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक व बागमती का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से ऊपर है। बूढ़ी गंडक का पानी लगातार तिरहुत नहर के टूटे तटबंध से जिले के दो हिस्सों में बढ़ रहा है। एक तरफ सकरा मनियारी होते हुए पानी वैशाली के पातेपुर की ओर बढ़ रहा है, तो दूसरी ओर टूटे पश्चिमी तटबंध से पानी मुशहरी प्रखंड की ओर फैल रहा है। हालांकि पानी के बहाव की गति धीमी हुई है। बागमती के असर वाले औराई, कटरा व गायघाट में लोगों ने राहत की सांस ली है। इन तीन प्रखंडों में पानी उतर रहा है। लेकिन सरैया, पारू व साहेबगंज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में संकट अभी बरकरार है।
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