जापान की जनता अगले साल के लिए स्थगित हो चुके ओलिंपिक (Tokyo Olympic) को लेकर वास्तविकता के लिए तैयार हो रही है, जहां खिलाड़ियों को पृथकवास में रखा जा सकता है, दर्शकों की संख्या में कटौती होगी और इनके आयोजन में विलंब के कारण जनता के लाखों डॉलर खर्च होंगे।
पिछले कुछ हफ्तों में जपान के बाहर दिए चुनिंदा साक्षात्कार में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बाक () संकेत दे चुके हैं कि स्टेडियम खाली होंगे, खिलाड़ियों का पृथकवास में रखा जाएगा और कोरोना वायरस परीक्षण होंगे।
तोक्यो की तैयारी को देखने वाले आईओसी के सदस्य जॉन कोएट्स ने ऑस्ट्रेलिया में कुछ हफ्ते पहले कहा था कि तोक्यो ओलंपिक ‘वास्तविक समस्याओं’ का सामना कर रहा है और इसके पीछे का एक बड़ा कारण इससे जुड़ी संख्या है। इसमें 15,400 ओलिंपिक और पैरालिंपिक हिस्सा लेंगे जबकि स्टाफ, अधिकारी, मीडिया और 80 हजार स्वयंसेवक भी इससे जुड़ेंगे।
अब जापान में राजनेता और सूत्रों की खबरों में बिलकुल अलग और छोटे पैमाने पर ओलिंपिक का विचार पेश किया जा रहा है। इसमें अगर प्रशंसकों को स्टेडियम में आने की इजाजत मिली तो इनकी संख्या काफी कम होगी। यही नहीं सभी खिलाड़ियों, प्रशंसकों और स्टाफ का परीक्षण होगा और खेल गांव में पृथकवास जैसी स्थिति होगी।