…तो इस फैसले से भारत बनेगा खेलों में पावरहाउस

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नई दिल्लीजमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने और खेल पारिस्थितिकी तंत्र में उनके लिए आय का एक निरंतर स्रोत सुनिश्चित करने के लिए खेल मंत्रालय ने बड़ा ही अहम फैसला लिया है। पूर्व चैंपियनों की देखरेख में देश भर में जिला स्तर पर 1000 सेंटर (केआईसी) स्थापित किए जाएंगे। इन सेंटरों को पूर्व चैंपियन संचालित करेंगे या फिर यह पूर्व चैंपियन इनमें कोच होंगे।

पिछले चैंपियन की पहचान करने के लिए एक शॉर्टलिस्टिंग मैकेनिज्म तैयार किया गया है जो या तो अपनी अकादमी स्थापित करने या फिर केआईसी में कोच के रूप में काम करने के योग्य होंगे। सबसे पहले उन ऐथलीट के नामों पर विचार किया जाएगा जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय टूर्नमेंट में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। दूसरी ऐसे ऐथलीट होंगे जिन्होंने एनएसफ सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप या खेलो इंडिया गेम्स में पदक जीता होगा।

तीसरे वर्ग में ऐसे एथलीटों की पहचान की जाएगी, जिन्होंने ऑल इंडिया यूनिविर्सिटी गेम्स में पदक जीता हो और चौथे ऐसे ऐथलीट जिन्होंने राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व किया हो। जम्मू-कश्मीर, अंडमान निकोबार और लद्दाख के मामले में ढील दी गई है। इन जगहों के एनआईएस प्रमाणपत्र प्राप्त कोच भी आवेदन कर सकेंगे।

खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, ‘यह निर्णय उस दिशा में एक कदम है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जिन्होंने भी राष्ट्रीय स्तर पर खेला है, वे गरिमा की जिंदगी जिएं और और उनके जीवन में वित्तीय स्थिरता हो।’

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