तापसी पन्नू ने इंस्टा पर अनुभव सिन्हा की तारीफ करते हुए लिखा, ‘मालूम है आपको सहारे की जरूरत नहीं है, ‘मैं बस साथ देने आया हूं। वह दिन और आज। मैं अब आपकी सबसे बड़ी प्रशंसक बन गई हूं। मैं वास्तव में नहीं जानती कि मैं बतौर लेखक, निर्देश या इंसान किस रूप में आपकी सबसे बड़ी प्रशंसक हूं। उन्होंने (अनुभव) अपने ऐक्टर को उनका बेस्ट देने के लिए हर तरह से ‘शोषण’ किया है। उन्हें बेहतर बनाने के लिए सबकुछ किया है।’
‘मेरी किताब का अहम हिस्सा होंगे आप’
तापसी ने आगे लिखा, ‘केवल मेरी फिल्म ही नहीं बल्कि अगर मैं कोई किताब भी लिखती हूं, तो वह आपके (डायरेक्ट अनुभव सिन्हा) बारे में कुछ लिखे बिना अधूरी कहानी होगी। हमारे लिए एक और शुक्रवार(मुल्क के बाद अब फिल्म थप्पड़ रिलीज हुई है)। जिस ईमानदारी के साथ हमने करियर की बेस्ट फिल्म बनाई है, मुझे पूरी उम्मीद है कि हम जल्द ही खुद का ही रेकॉर्ड तोड़ने के लिए वापसी करेंगे। जिंदाबाद।’
बस एक थप्पड़ ही तो था
बस एक थप्पड़ ही तो था। क्या करूं? हो गया ना। ज्यादा जरूरी सवाल है ये है कि ऐसा हुआ क्यों? बस इसी क्यों का जवाब तलाशती है अनुभव सिन्हा की ये फिल्म थप्पड़। अनुभव सिन्हा और मृणमयी लागू ने पूरी फिल्म को ऐसे लिखा है जिसमें हमारे समाज की कड़वी सचाई छह अलग अलग किरदारों के जरिए सामने आती है। फिल्म का अंत उन सभी किरदारों के अच्छे और बुरे पहलू, मन में चलने वाली उलझनें, द्वंद्व और अंतरविरोधों को न सिर्फ सबके सामने रखती है बल्कि पूरे समाज को एक-एक ऑप्शन भी देकर जाती है, ताकि लाइफ जीने लायक बन सके।