दिल्ली दंगे मामले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, JNU के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद गिरफ्तार

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नई दिल्ली
इस साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे () में कथित भूमिका के आरोप में पुलिस ने रविवार देर रात जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को गिरफ्तार () किया। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। यह गिरफ्तारी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून यानी Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) के तहत की गई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खालिद को 11 घंटे लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।

2 सितंबर को क्राइम ब्रांच ने भी की थी कुछ घंटे पूछताछ
दिल्ली दंगे के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दो सितंबर को कुछ घंटे तक उमर से पूछताछ की थी। इससे पहले पुलिस ने दंगे से जुड़े एक अन्य मामले में उमर के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी दंगे के पीछे कथित साजिश के मामले में उमर से पूछताछ की थी। पुलिस ने उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया था।

जेएनयू नारेबाजी कांड में भी गिरफ्तार हो चुके हैं खालिद
उमर खालिद सबसे पहले 2016 में जेएनयू में हुई कथित देशविरोधी नारेबाजी के मामले में सुर्खियों में आए थे। उस मामले में भी उन्हें गिरफ्तार किया गया था। वह जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के साथ देशद्रोह मामले के मुख्य आरोपियों में भी शामिल हैं।

दिल्ली दंगे में 53 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोधियों और समर्थकों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि 200 के करीब घायल हुए थे।

दंगों में शामिल सभी लोगों की भूमिका की चल रही जांच: दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा कि वह फरवरी में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में शामिल उन सभी लोगों की भूमिका की जांच कर रही है जो हिंसा फैलाने की साजिश के पीछे थे और समुदायों के बीच सांप्रदायिक उन्माद भरने की कोशिश कर रहे थे। एक अधिकारिक बयान में दिल्ली पुलिस ने कहा कि विभिन्न हित समूह सोशल मीडिया मंच और अन्य ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग कर दंगे के मामलों की जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं।

ऐक्टिविस्टों को फर्जी केसों में फंसाने के आरोप गलत: दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में कहा कि इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं कि सीएए का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और छात्रों को ‘फर्जी मामलों’ में फंसाया जा रहा है। पुलिस ने अपने बयान में कहा, ‘जांच के बारे में विवाद और संदेह पैदा करने के लिए कुछ लोग अदालतों में दायर चार्जशीट की कुछ लाइनों को लेकर उसे संदर्भ से इतर उपयोग कर रहे हैं। उनका दावा सही नहीं है और इसके बजाय वे प्रेरित हैं।’ बयान में कहा गया कि दिल्ली पुलिस ऐसे वक्त में जब मामला कोर्ट में विचाराधीन हो उस पर जवाब देना आवश्यक व उचित नहीं मानती है।

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