दिल्ली से UP न पहुंचे हिंसा की लपट, योगी अलर्ट

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लखनऊनागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर तीन दिन तक सुलगने के बाद दिल्ली आज शांत दिख रही है। अब तक इस बवाल में 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। ने पड़ोसी राज्यों को भी अलर्ट कर दिया है। खासकर दिल्ली में हुई हिंसा से उत्तर प्रदेश की खास सतर्क हो गई है। प्रशासन की दिल्ली की सीमा से सटे जिलों पर पैनी नजर है।

सूत्रों के अनुसार, इसके लिए मुख्यालय से इन जिलों में कई वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है, जो सुरक्षा प्रबंधन संभालेंगे। इसके अलावा कई स्थानों पर एहतियात के तौर पर पीएसी को तैनात कर दिया गया है। खुफिया एजेंसियों ने उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्यों में विरोध प्रदर्शन, हिंसा भड़कने की आशंका जताई है। इसी को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गई है। पड़ोसी राज्यों में भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

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पिछली घटनाओं से सबक
सीएए को लेकर प्रदेश के लखनऊ, फिरोजाबाद, बागपत, मेरठ और अलीगढ़ सहित कई जिलों में हिंसा हो चुकी है और कई जिलों में अभी भी प्रदर्शन चल रहे हैं। इसी बीच इस मुद्दे पर दिल्ली में दंगा भड़क गया। दिल्ली सीमा से सटे नोएडा, गाजियाबाद, बागपत और बुलंदशहर के अलावा संवेदनशील अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और संभल को लेकर उत्तर प्रदेश शासन ने पहले ही तैयारी कर ली है।

लखनऊ में भी अलर्ट घोषित
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेशचंद्र अवस्थी ने बताया, ‘उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में शांति है, फिर भी दिल्ली बॉर्डर वाले जिलों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। मुख्यालय से वरिष्ठ अधिकारी भेजे गए हैं, जो सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालेंगे। साथ ही अतिरिक्त फोर्स के रूप में पीएसी भेज दी गई है। राजधानी लखनऊ में भी अलर्ट घोषित कर दिया गया है।’

घंटाघर इलाके में प्रदर्शन जारी
लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे ने बताया, ‘लखनऊ के घंटाघर इलाके में और अधिक संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, जहां पिछले एक महीने से ज्यादा समय से सीएए के खिलाफ महिलाएं धरना-प्रदर्शन कर रही हैं।’

दिल्ली हिंसा में कई पुलिसवाले भी जख्मी
बता दें कि सीएए को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में मंगलवार को फिर हिंसा भड़क गई, जहां उपद्रवियों ने पथराव किया, दुकानों में तोड़फोड़ के साथ-साथ गोलीबारी और आगजनी की। कई इलाकों में हालात बेकाबू हो गए, जिसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया। हिंसा में अब तक दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल समेत 20 लोगों की मौत हो चुकी है और कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत कई लोग घायल हैं।

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