दुश्मन की सबमरीन को ढूंढकर नष्ट करने वाले 'P8I' का नया बेड़ा मिलेगा नेवी को

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नई दिल्ली
भारत-चीन तनाव के बीच इंडियन नेवी को पी-8-आई का नया बेड़ा मिलेगा। पी-8-आई टोही विमान है जो गहरे पानी में दुश्मन की सबमरीन को ढूंढ़कर इसे नष्ट कर सकता है। नेवी के पास अभी इस तरह के 8 टोही विमान हैं, अब नेवी को 4 और पी-8-आई मिलने हैं। इनमें चार में से पहला टोही विमान नवंबर तक आ जाएगा। पी-8-आई अमेरिकी कंपनी से लिए गए हैं।

पहला विमान इसी साल जुलाई तक आना थाइंडियन नेवी ने 4 और पी-8-आई लेने का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था और इन चार में से पहला विमान इसी साल जुलाई तक आना था। हालांकि कोविड-19 की वजह से इसमें देरी हो गई और अब पहला पी-8-आई टोही विमान नवंबर तक आने की उम्मीद है। नेवी के एक अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा 6 और पी-8-आई लेने के लिए अप्रूवल मिल गया है और इसका कॉन्ट्रैक्ट अगले साल अगस्त-सिंतबर तक साइन हो सकता है।

पी-8-आई विमान की खूबियांपी-8-आई टोही विमान निगरानी रखने की कैपिबिलिटी बढ़ाएंगे। जिस तरह चीन हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है उसमें नेवी की निगरानी रखने की कैपिबिली बढ़ाना बेहद अहम है। पी-8-आई विमान का रेंज ऑफ ऑपरेशन 3000 किलोमीटर तक है यानी यह 3000 किलोमीटर दूर तक जाकर अपना मिशन पूरा कर वापस आ सकता है। इसमें लेटेस्ट सर्विलांस कैपेबिलिटी है। यह अपने एरिया ऑफ ऑपरेशन में ज्यादा देर तक रह सकता है। यह 11 से 14 घंटों तक लगातार उड़ान भर सकता है। यह कई बार अपनी उपयोगिता साबित कर चुका है। यह टोही विमान एंटी सबमरीन और एंटी शिप है। यानी दुश्मन की सबमरीन और शिप का पता लगाकर उसे नष्ट कर सकता है।

इंडियन नेवी को मिलेंगे 11 शिपइंडियन नेवी को 11 नए शिप भी मिलने है। यह भारत में ही बन रहे हैं और कोविड-19 की वजह से इनकी डिलीवरी में कुछ देरी होने की संभावना है। मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में 15 बी प्रोजेक्ट के तहत 4 नए शिप बन रहे हैं। इसकी डिलीवरी 2021 की शुरूआत से होनी थी पर यह कुछ डिले हो सकता है। इसमें 4 कोलकाता क्लास फॉलोऑन शिप हैं। यह डिस्ट्रॉयर शिप हैं। इनमें एंटी शिप, एंटी एयर और एंटी सबमरीन कैपेबिलिटी है। इसमें दो हेलिकॉप्टर आ सकते हैं ये वे हेलिकॉप्टर होंगे जिनकी एंटी शिप, एंटी सबमरीन कैपेबिलिटी होगी। इसके अलावा प्रोजेक्ट 17 ए के तहत 7 शिप और बन रहे हैं।

इनकी डिलीवरी 2022 से होनी हैये शिवालिक क्लास फॉलोऑन शिप हैं। इनकी डिलीवरी 2022 से होनी है। नेवी के एक अधिकारी के मुताबिक कोविड- 19 की वजह से इसमें जो देरी हुई है वह कवर हो जाएगी। ये कोलकाता क्लास फॉलोऑन शिप हैं। ये फ्रिगेट क्लास के हैं और साइज में डिस्ट्रॉयर शिप से छोटे होंगे। इसमें एक हेलिकॉप्टर कैरी कर सकते है। डिस्ट्रॉयर क्लास फ्रिगेट क्लास से ज्यादा घातक होती है। इसके चार शिप मझगांव डॉक्यार्ड में बन रहे हैं और तीन शिप कोलकाता में।

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