देश की इकलौती ऐसी सीट जहां 3 चरणों में होगा चुनाव, कही जाती है भारत की सबसे संवेदनशील सीट

दक्षिण कश्मीर में स्थित आतंकवाद प्रभावित अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र इस लोकसभा चुनाव में तीन चरणों में चुनाव का गवाह बनेगा. यह अभूतपूर्व है, क्योंकि इससे पहले कभी भी किसी एक सीट पर तीन चरणों में वोटिंग नहीं हुई. अपने इस कदम के बारे में बताते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुनील अरोड़ा ने कहा, “हमें अनंतनाग के सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र में तीन चरणों में चुनाव कराना होगा. तो आप सोच सकते हैं कि यह कितना जटिल है.”

राज्य और उसके आस-पास हो रही घटनाएं, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा प्रमुख है, बीजेपी के चुनाव अभियान के केंद्रीय मुद्दे बन गए हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आगे कहा कि आयोग पुलवामा हमले के बाद संवेदनशील दौर से गुजर रहे राज्य में चुनाव कराने की व्यवहार्यता का अध्ययन कर रहा है.

बता दें कि 2014 के चुनाव में अनंतनाग सीट पर महबूबा मुफ्ती ने जीत दर्ज की थी. उन्हें कुल 2,00,429 वोट मिले जो कुल वोटों के 53.41 प्रतिशत थे. महबूबा मुफ्ती जब अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद सीएम बनीं तो उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद से कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के चलते इस सीट पर उप-चुनाव नहीं हुए.

अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र में 16 विधानसभा क्षेत्र हैं, जो सभी दक्षिण कश्मीर में आते हैं. ये सभी विधानसभा क्षेत्र पिछले पांच सालों से हिंसा की चपेट में हैं. दूसरी तरफ राज्य में होने वाले चुनाव भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिए गए हैं. फिलहाल जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है.

जुलाई 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद राज्य में हिंसा भड़की थी, इसके बाद अलगाववादियों के जेल जाने का विरोध, एनआईए के छापे, जमात-ए-इस्लामी पर कार्रवाई, पुलवामा हमला और अनुच्छेद 370 और 35-ए को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. संभवत: चुनाव आयोग के लिए यहां चुनाव कराना सबसे मुश्किल काम होगा.

सबसे बड़ी चुनौती होगी वोट देने आने वाले लोगों की, जैसा कि राज्य में होने वाले पिछले दो संसदीय उपचुनावों में हुआ था. श्रीनगर उप-चुनाव में 7% मतदान हुआ और अनंतनाग उप-चुनाव कभी नहीं हुआ. अच्छी प्रतिक्रिया न मिलने और खराब कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण लगभग तीन दशकों में पहली बार मतदान रद्द करना पड़ा.

कुछ वक्त पहले संपन्न हुए नगरपालिका चुनाव में जहां जम्मू के कुछ क्षेत्रों में लगभग 80% मतदान हुआ वहीं घाटी में 8% मतदान दर्ज किया गया. राज्य में पांच चरणों में 11 अप्रैल, 18 अप्रैल, 23 अप्रैल, 29 अप्रैल और 6 मई को वोट डाले जाएंगे.

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