कांग्रेस पार्टी और खासकर राहुल गांधी केंद्र सरकार के कोरोना संकट से निपटने के तौर-तरीकों पर लगातार नाराजगी प्रकट कर रहे हैं। राहुल लॉकडाउन से लेकर प्रवासी मजदूरों और अब केंद्रीय कर्मियों और पेंशनरों के मंहगाई भत्ते पर सरकार के फैसले पर उंगली उठा चुके हैं। इस बीच सरकार ने कहा है कि राहुल गांधी और उनकी अपनी एक टोली के सिवा किसी को भी कोरोना पर सरकार के कामकाज से ऐतराज नहीं है। जावड़ेकर ने कहा कि एक तरफ पूरा देश है जो करोना से लड़ने में सरकार के साथ खड़ा है, दूसरी तरफ अकेले कांग्रेस है जो सरकार से ही लड़ रही है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए जो भी कर रही है, उसका राहुल गांधी और उनके गैंग के अलावा कोई विरोध नहीं कर रहा है।’ जावड़ेकर ने कांग्रेस पार्टी को भी निशाने पर लिया और कहा कि इस माहसंकट में कांग्रेस का जो रवैया सामने आ रहा है, उस पर कभी सवाल जरूर खड़े होंगे। उन्होंने कहा, ‘जब पूरा देश कोविड19 से लड़ रहा है तो एक कांग्रेस पार्टी ही है जो केंद्र सरकार से लड़ रही है। कांग्रेस के इस रवैये पर एक दिन सवाल जरूर उठेगा और तब उन्हें इसका जवाब देना होगा।’
दरअसल, राहुल गांधी ने केंद्रीय कर्मियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में 4% की वृद्धि के फैसले को अगले 18 महीने तक निरस्त करने के फैसले को असंवेदनशील और अमानवीय बताया है। राहुल और उनकी कांग्रेस पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार बुलेट ट्रेन, सेंट्रल विस्टा जैसी परियोजनाएं रोककर कोरोना संकट से निपटने के लिए धन जुटाए। राहुल के मुताबिक, इन परियोजनाएं पर खर्च फिजूल है जिसे रोककर महंगाई भत्ते में वृद्धि के फैसले को कायम रखा जा सकता है।
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