दो बार की विश्व कप विजेता कप्तान ने कहा, पद्मश्री से ज्यादा नौकरी की जरूरत

1 min read

नई दिल्ली
दो बार के वर्ल्ड कप चैंपियन भारतीय कप्तान का मानना है कि दृष्टिबाधित क्रिकेटर्स के लिए सही नौकरी होना किसी अवॉर्ड से ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो उनके लिए अपनी जरूरतों को पूरा कर पाना संभव नहीं होगा।

नाइक फिलहाल एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। उनकी कंपनी ने बीते दो महीने से सैलरी नहीं दी है। कंपनी का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते उसे काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। इस दौरान नाइक की भी लगभग पूरी बचत खर्च हो चुकी है।

उन्होंने अंग्रेजी अखबार मिड-डे से कहा, ‘यह अच्छी बात है कि दृष्टिबाधित क्रिकेटर्स को अवॉर्ड मिल रहा है हालांकि चाहे छोटी ही क्यों न हो लेकिन उन्हें सिक्योर जॉब मिलनी चाहिए ताकि वह अपना भविष्य सुरक्षित रख सकें।’

नाइक ने कहा, ‘मेरी सैलरी 25 हजार रुपये है और इसमें से 12 हजार मेरे घर का किराया जाता है। पहले मैं किसी तरह गुजारा कर रहा था। लेकिन इस लॉकडाउन के चलते मेरी सैलरी होल्ड पर है और मैं बीते दो महीने से घर का किराया भी नहीं दे पाया हूं। मेरा परिवार काफी मुश्किलों से गुजर रहा है। मैं अपनी ज्यादातर बचत खर्च कर चुका हूं।’

उन्होंने कहा, ‘बीते करीब 8 साल में मैं कर्नाटक के विभिन्न मुख्यमंत्रियों से मिला हूं। मैंने उनसे सरकारी नौकरी देने का अनुरोध किया है। पिछले दिसंबर में मैं दिल्ली में खेलमंत्री किरण रिजीजू से भी मिला और उन्हें कहा कि पद्मश्री से ज्यादा जरूरी मुझे अच्छी नौकरी की जरूरत है क्योंकि मेरी पत्नी भी दृष्टिबाधित है।

भारत को 2012 का ब्लाइंड टी20 वर्ल्ड कप और 2015 का ब्लाइंड वनडे वर्ल्ड कप जितवाने वाले कप्तान की यह व्यथा नई नहीं है।

उन्होंने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से इस बारे में अनुरोध किया है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्हें खेल के मैदानों पर अच्छे प्रदर्शन से जो भी नकद पुरस्कार मिला वह अन्य भुगतानों में खर्च हुआ।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours