धोनी के कोच रहे चंचल भट्टाचार्य ने खोला राज- बताया क्यों कूल रहते हैं माही

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रांची
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने की घोषणा के बाद जहां एक ओर उनके प्रशंसकों में मायूसी है, वहीं एमएस धोनी के प्रारंभिक कोच रहे चंचल भट्टाचार्य ने कहा कि धोनी से ऐसे फैसले की उम्मीद नहीं थी। बता दें, महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट (MS Dhoni Last Instagram Post) कर संन्यास लेने की घोषणा की। वीडियो में धोनी के अब तक के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की तस्वीरें हैं और इसके बैकग्राउंड में गाना चल रहा है- ‘मैं पल दो पल का शायर हूं…।’

वर्ष 2004 में एमएस धोनी के भारतीय क्रिकेट टीम टीम में चयन होने तक प्रारंभिक कोच और प्रशिक्षक रहे चंचल भट्टाचार्य ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि आगामी टी-20 वर्ल्ड कप के बाद धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहेंगे, यह वर्ल्ड कप अक्टूबर में ही होना निर्धारित था, लेकिन कोरोना संक्रमण काल के कारण कार्यक्रम में बदलाव आया है, संभवतः इसी वजह से धोनी ने आज यह फैसला लिया।

‘उम्मीद है कि धोनी अपनी धरती पर ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा करेंगे’हालांकि उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि जिस तरह से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज बीसीसीआई से यह अपील की है कि माही का एक फेयरवेल मैच का भव्य आयोजन रांची में हो, उससे यह संभावना बनती है कि बीसीसीआई इस आग्रह पर विचार करेगा और रांची में होने वाले अंतिम मैच के माध्यम से धोनी अपनी धरती पर ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा करेंगे।

‘धोनी का मानना था कि खेल के दौरान दिमाग गर्म हुआ तो टीम का प्लान फेल हो जाएगा’चंचल भट्टाचार्य ने बताया कि धोनी प्रारंभ से ही खुद को काफी अनुशासित रखते थे, साथ ही उनकी यह भी एक बड़ी विशेषता थी कि वे अपने को शांत (कूल) रखते थे, इसी कारण उन्हें कैप्टन कूल के नाम से भी जाना जाता था। धोनी का कहना था कि अगर खेल के दौरान दिमाग गर्म होता है तो टीम का प्लान फेल हो जाएगा और विरोधियों की जीत हो जाएगी।

धोनी को बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में याद रखा जाएगा: चंचल भट्टाचार्य
उन्होंने कहा कि 2004 से लेकर आज तक धोनी कभी भी कोई विवाद में नहीं आए, न ही उन्हें कभी भी टीम से जबरन बाहर बैठा दिया गया। कुछ मौकों पर आराम करने और अन्य निजी कारणों से उन्होंने खुद को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर जरूर रखा। इस दौरान धोनी ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट वन डे, टेस्ट और टी-20 में भारत को शानदार सफलता दिलाई। क्रिकेट के इतिहास में उनका नाम एक सफल कप्तान और बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में याद रखा जाएगा।

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