कोण्डागाँव: ‘‘जीवनदायिनी पेयजल की महत्ता सभी को ज्ञात है इसलिए स्वच्छ पेयजल हर घर तक उपलब्ध कराना प्रषासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। शहरी क्षेत्रों की बात अगर छोड़ दे, पर ग्रामीण अंदरुनी इलाको में आज भी स्वच्छ शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना हर प्रषासन के लिए एक चुनौती रहती है और इस चुनौतियों का सामना शासन की कुछ योजनाऐं जैसे नल-जल योजना, जल आवर्धन योजनाओं के माध्यम से बखुबी किया जा रहा है।‘‘ चूंकि कोण्डागांव जिले के किसी-किसी ग्रामीण बसाहटो में भूमिगत जल स्तर अत्यंत क्षीण है और इन ग्रामों के पारा-मोहल्ले या टोलो के बोरवेल्स में भी आयरनयुक्त पानी की षिकायत मिलती है, ग्रीष्म ऋतु में तो ऐसे क्षेत्रों की स्थिति और भी गंभीर हो जाती है इन सब परिस्थितियों के मद्देनजर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की नल-जल योजना इन ग्रामीण इलाको के लिए एक वरदान बनकर उभरी है।विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार कोण्डागांव जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में 9 हजार 164 हैण्डपंप स्थापित है। इसी प्रकार जिले के 85 ग्रामों में नल-जल योजना के माध्यम से एवं 75 ग्रामों में स्थल जल प्रदाय योजना तथा 52 अन्य ग्रामों में सोलर पंप के माध्यम से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है जबकि जल आयरन युक्त जल से प्रभावित विकासखण्ड कोण्डागांव के ग्राम घोड़ागांव में 14 एवं ग्राम माकड़ी में 06 नग फ्लोराईड रिमुव्हल प्लांट स्थापित किए गए है। इसी प्रकार कोण्डागांव, फरसगांव एवं केषकाल नगर पंचायतो में नगरीय निकाय द्वारा जल प्रदाय योजना संचालित एवं संधारित की जा रही है और इन नगरीय पंचायतो में जल आवर्धन योजना भी पूर्णता की ओर है जिसे आगामी एक माह में पूर्ण करा लिया जायेगा। इस प्रकार सभी घरो में पर्याप्त मात्रा में पेयजल प्रदाय करना सुनिष्चित होगा। विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सुचारु रुप से पेयजल व्यवस्था सुनिष्चित कराये जाने हेतु पेयजल विहीन पारे-टोलो में हैण्डपंप स्थापना हेतु सर्वेक्षण भी किया गया है और इस पर शीघ्र अमल किया जायेगा। इसके अलावा बीपीएल परिवारो के लिए मिनीमाता नल-जल योजना के तहत घर-घर में नल कनेक्षन का कार्य भी सम्पन्न किया जा रहा है इससे इन निर्धन परिवारो को बड़ी राहत होगी साथ ही आगामी पांच वर्षो में विभाग द्वारा जल-जीवन मिषन के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को नल कनेक्षन दिया जाना प्रस्तावित है।
इस संबंध में विकासखण्ड कोण्डागांव के ग्राम ठेमगांव की ग्रामीण महिला लखमी बाई प्रसन्न होकर बताती है कि नल-जल योजना के द्वारा घर-घर नल कनेक्षन होने से अब बोरवेल जाने की जरुरत नहीं होती घर में ही शुद्ध साफ पानी मिल जाता है इससे घरेलू कार्य करने में आसानी हो गई है। इसी प्रकार के विचार ग्राम सोनाबाल की महिलाऐं शारदा, सावित्री एवं सुमित्रा ने रखा इन महिलाओं ने बताया कि पहले बोरवेल से पानी लाना एक थकान प्रद कार्य था उस पर कभी-कभी पानी के लिए तू-तू मैं-मैं की भी स्थिति आ जाती थी और पड़ौसियों से रिष्ते भी खराब हो जाते थे परन्तु घरो में नल कनेक्षन होने से हम गृहणियाँ सर्वाधिक खुष है। अब समय से पानी भर लिया जाता है और समय की भी बचत हो जाती है।
वास्तव में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता पर हर मनुष्य का अधिकार है विषेषतौर पर ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जहां लोग झरिया अथवा नदी-नाले के पानी पीने को विवष होते है वहां इस प्रकार की योजनाओं से राहत पहुंचाना एक जनकल्याणकारी कदम कहा जा सकता है। इस प्रकार पेयजल संबंधी समस्या से मुक्ति मिलने पर इन ग्रामीण क्षेत्रों में शासन के प्रति सदभावना का माहौल है।
नल-जल योजना एवं सोलर पंप का कमाल : निर्मल पेयजल अब घर-घर तक
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