दुर्ग: नगर निगम की सामान्य सभा की बैठकों में वाद-विवाद व आरोप- प्रत्यारोप सामान्य है, लेकिन किसी मामले को लेकर धक्का-मुक्की जैसी स्थिति पहली बार बनी। मंगलवार को निगम की बजट बैठक में भाजपा पार्षद सविता साहू और कांग्रेस पार्षद कन्या ढीमर के बीच बहस ने ऐसा जोर पकड़ा कि सदन की सारी मर्यादाएं ताक पर रख दी गईं। इनको रोकने की बजाय सत्ता पक्ष और विपक्ष इनके समर्थन में आ गए।
सामने आया असंसदीय वाकया
दुर्ग निगम की बजट बैठक में यह असंसदीय वाकया विषयवार चर्चा के दौरान सवाल-जवाब के दौरान हुआ। भाजपा की सविता साहू और कांग्रेस की कन्या ढीमर आसंदी के सामने एक दूसरे पर टूट पड़ी। एक टिप्पणी से शुरू हुई बात तू-तू मैं-मैं से बढ़कर धक्का-मुक्की तक पहुंच गई। अन्य महिला पार्षदों ने रोकने की कोशिश की पर दोनों ने उनकी एक नहीं सुनी।
बैठक समाप्ति के वक्त हुआ विवाद
दोनों पार्षदों के बीच विवाद बैठक की समाप्ति से 15 मिनट पहले शुरू हुआ। कांग्रेस पार्षद अनूप चंदानिया ने अपने वार्ड पोटिया में 56 लाख से स्वीकृत भवन का निर्माण 4 साल बाद भी शुरू नहीं करने का मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष ने अपने पार्षद को लाभ पहुंचाने के लिए उन्हें बिना विश्वास में लिए शासन को स्थल परिवर्तन की जानकारी भेज दी।
दोनों के बीच जमकर हुई झूम झटकी
दोनों महिला पार्षद जब आसंदी के सामने एक दूसरे को आंखे तरेर रहीं थी तब दोनों पक्ष के अन्य पार्षद भी उनके समर्थन में आसंदी के सामने पहुंच गए। इससे विवाद झूमा-झटकी में तब्दील हो गया। करीब 10 मिनट तक धक्का-मुक्की व शोर-शराबा चलता रहा। सभापति राजकुमार नारायणी जब उनको रोक नहीं पाए तब सभा स्थगित कर दी गई। इसके बाद दोनों पक्षों के वरिष्ठ पार्षदों ने किसी तरह विवाद को शांत कराया।
ये बनी विवाद की वजह
जिस सामुदायिक भवन को लेकर विवाद हुआ, वह पूर्व में कांग्रेस पार्षद के वार्ड के लिए मंजूर था। स्थल परिवर्तन कर इसे भाजपा पार्षद सविता साहू के वार्ड में कर दिया। भाजपा का तर्क है कि जगह हेमचंद यादव विवि के लिए है और दो समुदाय का विवाद है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा पार्षद को लाभ पहुंचाने ऐसा किया गया।
जमकर हुई नारेबाजी
निगम सभापति ने बैठक स्थगित कर दिया। इसके बाद भी करीब 10 मिनट तक दोनों दल के पार्षद एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। पार्षदों के एक-दूसरे का नाम लेकर भी खिलाफत में नारे लगाए। इसके बाद पार्षद लौट गए।