निर्भया के दोषियों के पास अभी मौका, ये हैं पेच

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नई दिल्ली
में बंद निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को फांसी देने में अभी कई तरह के पेच आ सकते हैं। दरअसल, चारों में से मुकेश को छोड़कर अन्य तीन ने अगर फांसी देने की डेट 1 फरवरी से पहले 31 जनवरी की दोपहर 12 बजे तक राष्ट्रपति के नाम दया याचिका दे दी तो इनकी फांसी रुक सकती है। हालांकि, अगर इन्होंने 31 जनवरी की दोपहर 12 बजे के समय को क्रॉस कर दिया तो फिर इनके दया याचिका का भी कोई फायदा नहीं होगा और अगले दिन 1 फरवरी की सुबह 6 बजे इन्हें फांसी पर लटका दिया जाएगा। यानी 28-29 जनवरी की रात 12 बजे से 1 फरवरी की सुबह 6 बजे तक के समय को लगाएं तो इन्हें फांसी पर लटकाने के लिए अब 78 घंटे बचे हैं लेकिन दया याचिका दायर करने के लिए इनके पास 60 घंटे हैं।

अगर टली सुनवाई, तो रुक जाएगी फांसी
इससे पहले अब तिहाड़ जेल प्रशासन की नजर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई है जिसमें मुकेश ने राष्ट्रपति द्वारा खारिज की गई अपनी दया याचिका को चुनौती दी है। जेल सूत्रों का कहना है कि सामान्य परिस्थितियों में यह मामला भी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में खारिज ही हो जाएगा लेकिन अगर इसमें सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 1 फरवरी या इससे आगे के लिए सुनवाई के लिए टाल दिया तो भी इनकी फांसी रुक जाएगी।

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दया याचिका के लिए तय हैं नियम
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई वाले मामले की तमाम स्टेटस रिपोर्ट सोमवार को तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से निचली अदालत को सौंप दी गई ताकि अगर निचली अदालत को फांसी पर होल्ड करना हो या फिर नई डेट के लिए ब्लैक वॉरंट जारी करना हो तो वह तिहाड़ प्रशासन को नया आदेश दे सके। हालांकि, जेल प्रशासन का कहना है कि निर्भया के दोषियों को अगर अभी तक की तय डेट के हिसाब से 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाना है तो ऐसा नहीं है कि वह जब चाहे क्यूरेटिव या दया याचिका लगा सकते हैं।

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इसके लिए जेल मैन्युअल में एक तय नियम है। इसके तहत क्यूरेटिव दायर करने पर फांसी नहीं रुकेगी। लेकिन जरूरी है कि इसका फैसला फांसी से पहले हो जाए। दूसरे, अब फांसी केवल दया याचिका दायर करने पर ही होल्ड की जा सकती है। वह भी 31 जनवरी की दोपहर 12 बजे तक।

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