रायपुर: लोकसभा चुनाव 2019 के चुनावी समर में नेताओं पर अचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगतार लगते रहे हैं, वहीं ऐसे नेताओं पर निर्वाचन आयोग ने सख्ती भी बरती है। इस बात के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की पीठ थप थपाई थी। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के इकलौते पत्रकारिता विश्वविद्यालय के एक विभागाध्यक्ष पर अचार संहिता उल्लंघन का आरोप है।
दरअसल एनएसयूआई के प्रदेश सचिव हनी सिंह बाग्गा ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष आशुतोष मंडावी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें निर्वाचन की अहम जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन इस दौरान डॉ मंडावी लगातार सोशल नेटवर्किंग साइट में एक्टिव रहकर लोगों से भाजपा की वकालत करते रहे। जबकि उनको सोशल नेटवर्क की निगरानी और आदर्श आचार सहिंता के पालन को सुनिश्चित करने का दायित्व है। बात दें कि डॉ आशुतोष मंडावी पूर्व में एबीवीपी के प्रदेश अध्यक्ष राह चुके हैं और वर्तमान में राष्ट्रीय पदादिकारी हैं।
बाग्गा ने आगे कहा है कि निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई जिम्मेदारी को नजरअंदाज कर सोशल मीडिया पर लोगों को भाजपा के पक्ष में मतदान करने और उनके कार्यकर्ताओं की वकालत करना गैरजिम्मेदाराना है। निर्वाचन आयोग को मामले में संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।