‘नेपोटिज्‍म’ पर बोले जिमी शेरगिल- अगर व्‍यापारी बेटे को भी व्‍यापारी बनाना चाहता है तो क्‍या गलत है

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बॉलिवुड ऐक्‍टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद एक बार फिर बॉलिवुड में नेपोटिज्‍म की बहस छिड़ गई है। इस बीच ऐक्‍टर जिमी शेरगिल का भी इस मामले पर रिऐक्‍शन आया है। इससे पहले इस मुद्दे पर सोनू निगम, कंगना रनौत, कुमार सानू, सैफ अली खान जैसे सिलेब्स अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं।

हाल ही में जिमी ने इंस्टाग्राम लाइव पर फैंस से बातचीत के दौरान परिवारवाद पर चल रही बहस को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, ‘यह तो हर फील्‍ड में होता है। अगर कोई व्यापारी अपने बेटे को व्यापारी बनाना चाहता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। परिवारवाद के कारण अगर किसी नए कलाकार की राह में दिक्‍कत आती है तो यह गलत है।’

डिप्रेशन से कैसे रहें दूर
इस दौरान जिमी ने बताया कि खुद को डिप्रेशन और निराशा से कैसे दूर रखा जा सकता है। उन्होंने बताया, ‘करियर की शुरुआत में मैं हर चीज के बारे में बहुत ज्यादा सोचता था। साल 1996 में फिल्म माचिस की शूटिंग के दौरान डायरेक्‍टर गुलजार ने मुझे सिखाया कि ऐक्‍टर के लिए लगातार काम करते रहना ही सबसे महत्वपूर्ण होता है। किसी प्रॉजेक्ट की सफलता पर ज्यादा घमंड नहीं करना चाहिए और न ही असफलता से ज्यादा परेशान होना चाहिए। उसे वहीं छोड़कर आगे बढ़ना ही डिप्रेशन और निराशा से बचने का सबसे बड़ा मंत्र है।’

साल में एक पंजाबी फिल्म
बता दें, जिमी हाल ही में वेब सीरीज ‘योर ऑनर’ में नजर आए। आने वाले समय में वह पंजाबी फिल्म ‘शरीक 2’ में दिखेंगे। पंजाबी फिल्मों में इंट्रेस्‍ट को लेकर ऐक्‍टर ने कहा, ‘डायरेक्‍टर मनमोहन सिंह के साथ पहली फिल्म में काम करने के बाद ही मैंने तय कर लिया था कि मैं हर साल कम से कम एक पंजाबी फिल्म जरूर करूंगा।’

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