पहली बार डिजिटल माध्यम से होगी DGP और IGP की वार्षिक बैठक, PM मोदी और शाह होंगे शामिल

नई दिल्ली
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों का वार्षिक सम्मेलन अगले महीने पहली बार डिजिटल माध्यम से होगा। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। इस दो दिवसीय डिजिटल बैठक में सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के डीजीपी और आईजीपी रैंक के करीब 250 अधिकारी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी इस बैठक में शामिल होंगे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आपदा एवं वैश्विक महामारी, साइबर अपराध जैसे नए अपराधों, युवाओं के बीच कट्टरपंथ और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद जैसी समस्याओं से निपटने में पुलिस की निभाई अहम भूमिका पर सम्मेलन के दौरान चर्चा की जाएगी। अधिकारी ने बताया कि सम्मेलन नवंबर के आखिरी सप्ताह में आयोजित किया जाएगा।

इन मुद्दों पर होगी चर्चा
अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान पुलिस की भूमिका की चौतरफा प्रशंसा के बीच, इस बैठक में प्राकृतिक आपदाओं और इस प्रकार के स्वास्थ्य संकटों से निपटने के लिए पुलिस की जानकारी एवं क्षमता बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा होगी। राज्यों के पुलिस प्रमुख वैश्विक महामारी से निपटने संबंधी अपने अनुभव साझा करेंगे और यह बताएंगे कि पुलिस ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान संकटग्रस्त लोगों और प्रवासी श्रमिकों की किस प्रकार मदद की।

पहली बार डिजिटल माध्यम से होगा आयोजन
अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने में पुलिस कर्मियों के किए शानदार काम का विशेष रूप से जिक्र कर सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार, देश में करीब 75,000 पुलिस एवं अर्द्धसैन्य कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और इनमें से करीब 600 कर्मियों की मौत हो चुकी है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब खुफिया ब्यूरो द्वारा आयोजित डीजीपी और आईजीपी रैंक के अधिकारियों का वार्षिक सम्मेलन डिजिटल माध्यम से होगा और सभी अधिकारी अपने-अपने मुख्यालयों से इसमें भाग लेंगे।

मोदी सरकार बनने का बाद होता रहा है आयोजन
नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार 2014 में सत्ता में आने के बाद से इस सम्मेलन को राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित करती रही है। इससे पहले ये सम्मेलन गुवाहाटी, गुजरात में कच्छ का रण, हैदराबाद, मध्य प्रदेश के टेकनपुर और पुणे में हुए थे।

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