44 साल के अख्तर ने एआरवाई न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘अगर अल्लाह कभी मुझे अधिकार देता है, तो मैं खुद घास खाऊंगा लेकिन सेना का बजट बढ़ा दूंगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकों को सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
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पूर्व पेसर ने कहा, ‘मैं अपने सेना प्रमुख को अपने साथ बैठने और निर्णय लेने के लिए कहूंगा। यदि बजट 20 प्रतिशत है, तो मैं इसे 60 प्रतिशत करूंगा। यदि हम एक-दूसरे का अपमान करते हैं, तो नुकसान हमारा ही है।’
इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने नॉटिंघमशायर के लिए काउंटी क्रिकेट खेलने के लिए 175,000 पाउंड के अनुबंध को ठुकरा दिया था ताकि वह युद्ध में लड़ सकें। भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच साल 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था।
करियर में 46 टेस्ट में 178 और 163 वनडे में 247 विकेट लेने वाले अख्तर ने कहा था, ‘नॉटिंघम के साथ मेरा 175,000 पाउंड का अनुबंध था। फिर 2002 में मेरा एक और बड़ा अनुबंध था। जब कारगिल हुआ तब मैंने दोनों को छोड़ दिया।’ उन्होंने 15 टी20 इंटरनैशनल मैचों में 19 विकेट भी लिए हैं।