पासवान का राहुल गांधी पर हमला, जानिए क्या बोले?

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नई दिल्ली

केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी का यह कहना कि मोदी सरकार ने NFSA लाभार्थियों की सूची का विस्तार नहीं किया, तथ्यों से परे है। UPA सरकार ने ही NFSA कानून को 2013 में पास करते समय हर 10 वर्ष में लाभार्थियों की सूची के विस्तार का प्रावधान किया जो कि 2021की जनगणना के बाद प्रस्तावित है।’ उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, ‘जबकि इस कोरोना संकट में हमारी सरकार ने गरीबों की जरूरत को महसूस करते हुए
के तहत 8 करोड़ वैसे प्रवासी श्रमिकों एवं जरूरतमंदों के लिए दो महीने मुफ्त अनाज की व्यवस्था की है जिनके पास कोई राशनकार्ड नहीं है।’

दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के लाभार्थियों की सूची में विस्‍तार मामले को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने बुधवार को एक ट्वीट में लिखा, ‘मोदी सरकार को NFSA के लाभार्थीयों की लिस्ट का विस्तार करना था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। जनता को अपने हक़ का राशन नहीं मिला और इस समस्या ने त्रासदी का रूप ले लिया.’ कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष ने अपने ट्वीट के साथ एक खबर भी अटैच की है, जिसमें जानकारी दी गई है कि सरकार फूड एक्‍ट लिस्‍ट को अपडेट करने में नाकाम रही है जिसके कारण लाखों प्रवासियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत अब तक आठ करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 2.51 करोड़ प्रवासी मजदूरों को ही मुफ्त अनाज वितरित किया है. केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी. मंत्रालय ने इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि अनाज का कम वितरण यह बताता है कि प्रवासी कामगारों की वास्तविक संख्या कम थी।

मंत्रालय ने कहा है कि यदि प्रवासी मजदूर अपने मूल निवास वाले राज्यों में लौट गए हैं तो वह पहले से ही राष्ट्रीय खाद्य सरक्षा कानून (एनएफएसए) या फिर राज्य की राशन कार्ड योजना के तहत पहले से ही खाद्यान्न प्राप्त कर रहे हैं। खाद्य मंत्रालय ने कहा कि योजना के तहत कम लोगों को लाभ मिलने को योजना का कमजोर प्रदर्शन नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि आठ करोड़ प्रवासी का आंकड़ा वास्तविक लक्ष्य नहीं माना जाना चाहिए।

केन्द्र सरकार ने मई मध्यम में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को पांच किलो खाद्यान्न और एक किलो ‘चना’ मुफ्त वितरित करने की घोषणा की थी। यह सुविधा मई और जून दो माह के लिए आठ करोड़ प्रवासियों के लिए शुरू की गई। ऐसे प्रवासी मजदूर जिनके पास न तो केन्द्र और न ही राज्य सरकार का कोई राशन कार्ड है, योजना के तहत राज्यों को अनाज वितरण के लिये 31 अगस्त का समय दिया गया।

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