भोपाल: पहले कर्नाटक में सत्ता गंवाई, फिर महाराष्ट्र में सरकार बनते-बनते रह गई और मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की मुश्किल बढ़ने को लेकर फिर से कयासों का दौर शुरू हो गया। दरअसल विधानसभा चुनाव 2018 में काफी जद्दोजहद के बावजूद मुख्यमंत्री नहीं बन पाए ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को लेकर अचानक अटकलों का बाजार गर्म हो गया। काफी समय से सिंधिया के बीजेपी से संपर्क में होने की खबरें सामने आ रही थीं। ऐसे में अचानक सिंधिया के ट्विटर प्रोफाइल से ‘कांग्रेस’ का गायब हो जाना भोपाल से दिल्ली तक हड़कंप का कारण बन गया। आखिरकार सिंधिया ने खुद सफाई देकर कयासों पर लगाम लगा दी।
पहले शिवराज, फिर मोदी से मुलाकातः मध्य प्रदेश में कमल नाथ (Kamal Nath) और सिंधिया में से मुख्यमंत्री का नाम फाइनल करने के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को खासी जद्दोजहद करनी पड़ी थी। जब कमल नाथ का नाम फाइनल हुआ तो सिंधिया खेमे ने विरोध भी किया। सरकार बनने के ठीक बाद शिवराज सिंह से सिंधिया की मुलाकात की खबर सामने आई थी। इसके बाद लगातार सिंधिया खेमे के माने जाने वाले मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री दिग्विजय सिंह और कमल नाथ के खिलाफ बयान देते रहे। कुछ दिनों पहले सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से भी मुलाकात की थी। हालांकि मुलाकात के बाद उनकी तरफ से कहा गया कि बाढ़ग्रस्त मध्य प्रदेश के संदर्भ में बातचीत करने गए थे।
यूं चला कयासों का दौरः तमाम घटनाक्रमों के चलते कयास लगाए जाने लगे कि कांग्रेस से नाराज सिंधिया बीजेपी जॉइन कर सकते हैं। चंद सीटों के फासले से सरकार बनाने से चूकी बीजेपी से सिंधिया के संपर्क में होने की खबरों ने कमल नाथ सरकार के लिए मुश्किल के संकेत दे दिए।। इसके चलते ट्विटर प्रोफाइल में बदलाव से मामला गर्मा गया, लेकिन सिंधिया ने खुद एएनआई से बातचीत में मामला स्पष्ट कर दिया।
सफाई में क्या बोले सिंधिया?: ट्विटर बायो में कांग्रेस का जिक्र न होने पर सिंधिया ने कहा, ‘मैंने एक महीने पहले यह बदलाव किया था। लोगों की सलाह पर मैंने अपना बायो छोटा कर दिया। इसे लेकर उड़ रहीं अफवाहें आधारहीन हैं।’ सिंधिया ने भले ही स्पष्टीकरण दे दिया है लेकिन कांग्रेसी खेमे के लोगों के लिए यह खबर कुछ देर के लिए बेचैनी का कारण बन गई।