दिल्ली के शाहीन बाग और लखनऊ के घंटाघर पर के खिलाफ महिलाओं के प्रदर्शन पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में इतनी हिम्मत नहीं कि वे स्वयं आंदोलन करें, इसलिए घर की महिलाओं और बच्चों को चौराहों पर बैठा दिया है। सीएम योगी ने कहा कि पुरुष घर में रजाई में सो रहे हैं और महिलाएं चौराहे पर हैं।
कानपुर में सीएए के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष देश के दुश्मनों की भाषा बोल रहा है। हिंसा करने वालों के साथ वसूली की जाएगी। विपक्ष के रवैये से देश के दुश्मनों के हौसले बुलंद हो गए हैं। भारत को बदनाम करने का अभियान चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस, लेफ्ट और एनजीओ लोगों को भड़का रहे हैं। हमें मौन नहीं रहना है। कांग्रेस नेता कह चुके हैं कि जब तक आईएसआई के एजेंटों की भारत में एंट्री नहीं करा लेते तब तक नहीं मानेंगे।
सीएम योगी ने कहा, ‘कुछ लोगों में इतनी हिम्मत नहीं कि स्वयं आंदोलन करें, इसलिए घर की महिलाओं और बच्चों को चौराहों पर बैठा दिया है। सीएम योगी ने कहा कि पुरुष घर में रजाई में सो रहे हैं और महिलाएं चौराहे पर हैं। यह लज्जाजनक है। विरोध करने वाली महिलाओं को नहीं पता कि सीएए क्या है, उनके मर्द अक्षम हैं।’ उन्होंने कहा कि कश्मीर की आज़ादी के नारे देशद्रोह की श्रेणी में हैं।
शाहीन बाग और लखनऊ के घंटाघर पर प्रदर्शन
बता दें कि सीएए के खिलाफ पिछले कई दिनों से दिल्ली के शाहीन बाग और लखनऊ के घंटाघर पर प्रदर्शन चल रहा है। लखनऊ के घंटाघर इलाके में महिलाएं और बच्चे हाथों में तिरंगा थामे नागरिकता संशोधन ऐक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सीएए और एनआरसी को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन में उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटियों समेत 159 के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है। बेटियों के खिलाफ एफआईआर पर मुनव्वर राना ने मीडिया के सामने आकर सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का रवैया बेहद गलत है।
मुनव्वर राना ने कहा, ‘एक तरफ तो सरकार तीन तलाक के मामले में कहती है कि ये हमारी बेटियां हैं। दूसरी ओर जब वे अपना हक मांग रही हैं, प्रदर्शन कर रही हैं तो कभी उन्हें कंबल नहीं दिया जाता, खाने को छीन लिया जाता है। बच्चे दूध से बिलख रहे हैं। मुनव्वर राना ने आगे कहा, ‘मैं सरकार को चेतावनी देते हुए अपना एक शेर फिर से कहता हूं कि एक आंसू भी हुकूमत के लिए खतरा है, तुमने देखा नहीं आंखों का समंदर होना।’
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