लद्दाख में मुस्तैद भारतीय सेना ने धोखेबाज चीन (India-China Tension) की चाल को नाकाम करते हुए कुछ रणनीतिक रूप से अहम जगहों पर अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है। अंग्रेजी अखबार ‘द टेलिग्राफ’ ने एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से दावा किया है कि भारत ने पैंगोंग शो झील (Pangong Tso Lake) इलाके के कुछ रणनीतिक रूप से अहम जगहों पर अपनी पैठ मजबूत कर ली है। दरअसल, जैसे ही भारतीय सेना को चीनी धोखे की भनक लगी देश के जवान वहां मौजूद चौकियों पर पहले ही चढ़ बैठे।
चुशुल गांव के पास भारत ने बनाई पैठ
अखबार में कहा गया है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने कथित तौर पर भारत के क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश की थी। आधिकारिक सूत्र के हवाले से टेलिग्राफ ने कहा है कि चीन के हमले के जवाब में स्पेशल ऑपरेशन्स बटालियन ने पैंगोंग झील के पास पहाड़ी पर एक स्थान पर अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है। सूत्र ने यह भी दावा किया है कि हालात के और तनावपूर्ण होने की आशंका है।
चौकियों पर पहले ही चढ़ बैठे भारतीय सैनिक
भारत के सैनिक अब साउथ बैंक ऑफ पैंगोंग शो में ऊंचाई पर भी तैनात हैं, जिससे वह चीन के मुकाबले अडवांस पोजिशन में हैं। सूत्रों के मुताबिक जब चीन की घुसपैठ की कोशिश की खबर लगी तो भारतीय सैनिक अहम जगहों पर पहले ही पहुंच गए और उन पॉइंट्स पर अपनी स्थित ज्यादा मजबूत कर ली जिस पर दोनों देश अपना होने का दावा करते हैं। अगर हम नॉर्थ बैंक को देखें यानी फिंगर एरिया को तो वहां चीनी सैनिक फिंगर- 4 की चोटी पर बैठे हैं और हाइट का फायदा लेने की कोशिश कर रहे हैं। अब साउथ बैंक में भारतीय सैनिकों ने वही किया है और ऊंचाई पर तैनाती कर डट गए हैं
चीन ने भारत पर लगाया आरोप
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए के पश्चिमी कमान के हवाले से कहा कि भारतीय सेना ने दोनों देशों के बीच जारी बातचीत में बनी सहमति का उल्लंघन किया है। सोमवार को भारतीय सेना ने जानबूझकर वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया और जानबूझकर उकसावे की कार्रवाई की। वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिन ने कहा कि चीन के सैनिक हमेशा से कड़ाई से वास्तविक नियंत्रण रेखा का पालन करते हैं। वे कभी एलएसी को पार नहीं करते हैं। दोनों ही तरफ की सेनाएं वहां की स्थिति को लेकर बातचीत कर रही हैं।
चीनी मीडिया की भारत को धमकी
चीन के प्रॉपगैंडा अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में कहा है कि भारत चीन की टक्कर में नहीं है और अखबार के संपादक हू शिजिन ने ट्वीट कर सीधे दावा किया है कि पैंगॉन्ग विवाद का अंत भारत की हार में होगा। संपादकीय में कहा गया है, ‘अगर भारत को सैन्य टक्कर लेनी है तो PLA भारतीय सेना को 1962 से ज्यादा नुकसान कराएगी ही।’