प्रख्यात वैज्ञानिक खड्ग सिंह वल्दिया का निधन, कैंसर से थे पीड़ित

देहरादून
भारत के प्रख्यात भूवैज्ञानिक और कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर (kharak singh valdiya) का मंगलवार को निधन हो गया। वल्दिया लंबे वक्त से कैंसर से जूझ रहे थे और इसी बीमारी के कारण मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

खड्ग सिंह वल्दिया देश में जियोडायनमिक्स के क्षेत्र के शीर्षतम लोगों में जाने जाते थे। पूर्व में उन्हें उत्तराखंड के कुमाऊं विश्वविद्यालय में कुलपति भी बनाया गया था। इसके अलावा विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें साल 2015 में मोदी सरकार ने पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया था।

पिथौरागढ़ में था मूल निवास
खड्ग सिंह वल्दिया मूल रूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के निवासी थे। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से शिक्षा लेने के बाद कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में अध्यापन भी किया था। साल 1981 में प्रोफेसर वल्दिया कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति बने थे। प्रोफेसर वल्दिया ने बतौर अध्यापक राजस्थान विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू सेंटर फॉर अडवांस साइंटिफिक रिसर्च, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमायलय जियोलॉली और कुमाऊं विश्वविद्यालय में अध्यापन किया था।

कई प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ किया काम
इसके अलावा उन्होंने लंबे वक्त तक जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ अमेरिका के साथ भी कई बड़े प्रॉजेक्ट्स पर काम किया था। साल 2007 में उन्हें मनमोहन सिंह की सरकार में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इसके बाद 2015 में मोदी सरकार के कार्यकाल में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

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