बता दें कि कोरोना महामारी के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने एहतियात के तौर पर राज्य की सभी सीमाओं को सील कर दिया है। हालांकि, सोनू ने तमाम कोशिशों के बाद राज्य सरकार से परमिशन ली और प्रवासियों को उनके घर भेजा। इसमें सोनू की दोस्त नीति गोयल ने भी उनका पूरा साथ दिया।
सोनू ने कहा यह
ऐक्टर सोनू सूद खुद कह चुके हैंस, ‘मेरे लिए यह बहुत ही भावुक यात्रा रही है। इन प्रवासियों को अपने घर से दूर सड़कों पर घूमते हुए देखने के बाद मुझे बहुत दुख हुआ। मैं यह काम तब तक जारी रखूंगा, जब तक आखिरी प्रवासी अपने घर और चाहनेवालों तक ना पहुंच जाए।’
पहले ऐसे ऐक्टर हैं सोनू
बता दें, सोनू इंडस्ट्री के पहले ऐसे ऐक्टर हैं जो प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए परिवहन की व्यवस्था कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार से परमिशन लेने के बाद कुछ प्रवासियों की यात्रा और खाने का इंतजाम किया था। ऐक्टर की पहल के बाद महाराष्ट्र के ठाणे से गुलबर्गा के लिए कुल दस बसें रवाना हुई थीं।
डॉक्टर्सों को भी मदद
इससे पहले भी सोनू सूद पंजाब के डॉक्टर्स को 1,500 पीपीई किट्स डोनेट कर चुके हैं। यही नहीं, उन्होंने रमजान के मौके पर भिवंडी के हजारों प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन का इंतजाम किया। इससे पहले ऐक्टर ने मुंबई में स्थित अपना होटेल भी मेडिकल स्टॉफ के रहने के लिए दिया था।
पहले भी करते रहे हैं योगदान
कई बसें शनिवार को मुंबई के वडाला से लखनऊ, हरदोई, प्रतापगढ़ और सिद्धार्थनगर सहित उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के लिए रवाना हुईं। इसके अलावा बसें झारखंड और बिहार जैसे राज्यों के लिए भी निकलीं। इन प्रवासियों के लिए सोनू ने व्यक्तिगत रूप से व्यवस्था की और उन्हें भोजन किट भी प्रदान की।