और फिर लॉकडाउन की वजह से पैदा हुई आर्थिक मुश्किलों के बावजूद हैदराबाद के पार्षदों पर खास असर नहीं पड़ा है। ग्रेटर हैदराबाद नगर पालिका (GHMC) के पार्षदों ने सवा लाख से भी अधिक कीमत वाले ब्रांड न्यू फोन की डिमांड की है। बीते दिनों यह प्रस्ताव समिति के सामने रखा गया।
पार्षदों की इस मांग पर अभी तक कमिश्नर की तरफ से हरी झंडी नहीं मिली है। हैदराबाद के मेयर बोंथू राममोहन और डेप्युटी मेयर बाबा फैसुद्दीन के नाम भी इस कीमती डिमांड में शामिल हैं। GMCH स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य और टीआरएस पार्षद आर. शेषागिरी ने बताया, ‘आईफोन का प्रस्ताव तबसे है, जबसे जीएमसीएच ई-गवर्नेंस मॉडल में स्विच हो गया है। ऑनलाइन निर्भरता बढ़ जाने की वजह से हमने बेहतर फोन की डिमांड की है।’
मेयर ने किया सपॉर्ट
जीएमसीएच स्टैंडिंग कमिटी दरअसल निकाय की शीर्ष संस्था है, जो पॉलिसी से रिलेटेड महत्वपूर्ण निर्णय लेती है। इसमें 15 पार्षद सदस्य हैं। हैदराबाद के मेयर और डेप्युटी मेयर सहित कुल 17 लोगों के लिए आईफोन के प्रस्ताव पर 21 लाख 35 हजार रुपये का अनुमानित खर्चा आएगा। मेयर ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा, ‘विधानसभा में भी चुने गए सदस्यों को मोबाइल फोन मुहैया कराया जाता है। ऐसे में इस प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है।’
प्रस्ताव का हुआ विरोध
हालांकि इस प्रस्ताव का विरोध भी हो रहा है। ऐक्टिविस्ट रिद्धिमा वी. ने कहा, ‘कोरोना संकट के समय आर्थिक समस्या बढ़ रही है। कर्मचारियों की सैलरी और अन्य सुविधाएं काटी रही है। ऐसे में सरकारी फंड को इस तरह से खर्च करना गैरजिम्मेदाराना है।’ GMCH के कमिश्नर डी. एस. लोकेश कुमार से इस बारे में संपर्क की कोशिश की गई लेकिन प्रयास असफल रहा।
GHMC की 4 जून को हुई बैठक में प्रॉपर्टी टैक्स पर ब्याज की बकाया राशि के 800 करोड़ रुपये माफ करने का प्रस्ताव हुआ। दो महीने के लॉकडाउन की वजह से हुए आर्थिक नुकसान की वजह से उठाया गया यह कदम किसी भी निकाय संस्था के द्वारा अभी तक की सबसे बड़ी राहत है।