फैन्स के आगे झका बोर्ड, IPL 2020 के लिए वीवो से करार खत्म

1 min read

नई दिल्लीचीनी मोबाइल कंपनी वीवो के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अगले एडिशन में इस टी20 लीग को स्पॉन्सर नहीं करेगी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस संबंध में गुरुवार को ऑफिशल विज्ञप्ति जारी करते हुए यह जानकारी दी। विज्ञप्ति के अनुसार, बीसीसीआई और वीवो ने इंडियन प्रीमियी लीग के इस संस्करण के लिए करार रद्द कर दिया है। हालांकि, इसके साथ ही बीसीसीआई की चिंता बढ़ गई है कि आखिर इस साल यूएई में होने वाली प्रतिष्ठित टी20 लीग को स्पॉन्सर कौन करेगा।

इसी साल जून में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई भिड़ंत के बाद से ही कई लोगों ने चीनी सामानों का बहिष्कार करने की बात कही थी। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने जब रविवार को बैठक में स्पॉन्सर रिटेन करने की बात कही थी, तो भी सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर विरोध जताया था।

अगले महीने शुरू होगा IPL-13आईपीएल का 13वां एडिशन यूएई में अगले महीने 19 सितंबर से शुरू होगा। इसका फाइनल मैच 10 नवंबर को खेला जाएगा। पहले यह लीग मार्च में भारत में ही खेली जानी थी, लेकिन घातक कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इसे तब स्थगित कर दिया गया था।

नए स्पॉन्सर पर सस्पेंससूत्रों के मुताबिक, यह चीनी कंपनी अगले साल यानी 2021 में स्पॉन्सर रहेगी जो डील 2023 तक चलेगी। इस साल के लिए नए स्पॉन्सर का ऐलान जल्द किया जाएगा लेकिन सभी को इंतजार है कि इतने कम समय में बोर्ड किस कंपनी को स्पॉन्सरशिप के लिए तैयार करेगा।

2199 करोड़ में हासिल किए थे अधिकारवीवो इंडिया ने 2017 में आईपीएल टाइटल प्रायोजन अधिकार 2199 करोड़ रुपये में हासिल किए थे। इससे लीग को हर सीजन में उसे करीब 440 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। इस चीनी मोबाइल कंपनी ने सॉफ्ट ड्रिंक वाली दिग्गज कंपनी पेप्सिको को हटाया था, जिसकी 2016 में 396 करोड़ रुपये की डील थी।

440 करोड़ का है हिसाबवीवो कंपनी के इस साल स्पॉन्सर के तौर पर हटने के बाद से इस बात का इंतजार है कि आखिर कौन सी कंपनी आईपीएल को स्पॉन्सर करेगी। वीवो को हर साल 440 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि का भुगतान करना होता है। कोविड-19 के इस मुश्किल दौर में किसी भी कंपनी के लिए यह मुश्किल होगा कि इतना बड़ी राशि चुकाए।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours