क्या आप टैक्स बचाने के लिए सेविंग नहीं कर पाते हैं? अगर हां, तो बजट एक नए टैक्स स्लैब के साथ आपके लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आ गया है। वित्त मंत्री ने बजट में एक नए टैक्स स्लैब का ऐलान किया। यह टैक्स स्लैब पहले से चले आ रहे टैक्स स्लैब से अलग रहेगा। जो टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स ऐक्ट के तहत मिल रही टैक्स छूट नहीं चाहते हैं, वे कम टैक्स रेट वाले इस स्लैब का चुनाव कर सकते हैं। यह पूरी तरह टैक्सपेयर पर रहेगा कि वह अपनी फाइनैंशल प्लैनिंग के हिसाब से कौन सा टैक्स स्लैब चुनना चाहता है।
क्या है यह नया टैक्स स्लैब-5 लाख से 7.5% लाख तक की आमदनी पर 10% टैक्स देना होगा। पहले 20% टैक्स लागू था।
-7.5 लाख से 10 लाख तक की आमदनी पर 15% की दर से टैक्स देना होगा। पहले 20% की दर से टैक्स लगता था।
-10 लाख से 12.5 लाख तक की आमदनी पर 20% से टैक्स लगेगा। पहले 30% से टैक्स वसूला जाता था।
-12.5 लाख से 15 लाख तक 25% की दर से टैक्स लगेगा। पहले 30% की दर से लगता था।
-15 लाख रुपये से ऊपर की टैक्सेबल इनकम पर पहले की तरह ही 30% की दर से टैक्स लगता रहेगा।
क्या होगा फायदादरअसल इस टैक्स स्लैब का बड़ा फायदा उन लोगों को होगा, जिनकी आय टैक्स दायरे में तो आती थी, लेकिन वे टैक्स बचाने के लिए जरूरी सेविंग नहीं कर पाते थे। इस नए स्लैब के मुताबिक 15 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को पहले के मुकाबले कम रेट से टैक्स देने होंगे। हालांकि, यह टैक्सपेयर्स की मर्जी पर निर्भर करेगा कि वह पहले वाला टैक्स स्लैब चुनता है या नया।
5 लाख की आमदनी तक कोई टैक्स नहीं
वित्त मंत्री के मुताबिक, इनकम टैक्स ऐक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मिलने वाली टैक्स छूट नहीं लेने पर नए टैक्स स्लैब्स इस प्रकार होंगे। ध्यान रहे कि नई व्यवस्था के तहत टैक्स रेट्स उन्हीं टैक्स पेयर्स पर लागू होगा जो कोई इग्जेंप्शन नहीं लेंगे। अगर किसी को नई व्यवस्था पसंद नहीं हैं तो पुराने टैक्स स्लैब्स के मुताबिक टैक्स दे सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स का मौजूदा ढांचा थोड़ा पेचीदा है, इसलिए इसे आसान बनाने के लिए एक नई व्यवस्था लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था में अगर टैक्सपेयर्स कुछ डिडक्शन और इग्जेंप्शन लेना छोड़ दें तो उनके लिए नया टैक्स स्लैब्स लागू हो जाएगा। 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर किसी भी व्यवस्था में कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
यहां मिलती रहेगी टैक्स छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि ग्रैच्युटी पर टैक्स छूट मिलती रहेगी। EPFO पर टैक्स छूट मिलती रहेगी। NPS पर भी टैक्स छूट का फायदा जारी रहेगा।इसके अलावा रिटायरमेंट फंड पर टैक्स छूट मिलती रहेगी। उन्होंने कहा कि करदाता सुविधा के अनुसार टैक्स छूट चुन सकते हैं।