कोलकाताभारत के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया खुद को खुशकिस्मत मानते हैं कि उन्हें के मार्गदर्शन में खेलने का मौका मिला जिन्होंने उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने में अहम भूमिका निभाई। मोहन बागान के खिलाफ मैच के दौरान भूटिया को उनके कोच अमल दत्ता से नस्लीय छींटाकशी का सामना करना पड़ा था लेकिन बनर्जी ने सारा दबाव खुद झेला और उसका असर उन पर नहीं पड़ने दिया।
बनर्जी का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को यहां निधन हो गया। भूटिया ने 1997 फेडरेशन कप सेमीफाइनल मैच में ईस्ट बंगाल के लिए हैटट्रिक लगाई थी जिसके दम पर उनकी टीम ने मोहन बागान पर 4-1 से जीत दर्ज की।
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उस मैच को देखने के लिए रेकॉर्ड सवा लाख दर्शक जुटे थे। भूटिया ने कहा, ‘उस मैच को लेकर काफी हाइप थी और अमल दा ने कुछ गैर जरूरी बयान भी दिया था। प्रदीप दा ने अपने खिलाड़ियों पर दबाव नहीं आने दिया।’
भूटिया ने कहा, ‘प्रदीप दा इतने शांतचित्त थे और वह मैच में भी दिखाई दिया। यही वजह है कि वह खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवा सके। यह मेरे करियर के सबसे बड़े मैचों में से एक था।’
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