बाबरी विध्वंस: कोर्ट में कटियार, वेदांती की पेशी

1 min read

अयोध्या
अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में आरोपियों के बयान दर्ज करने शुरू हो गए। गुरुवार को मामले में 32 आरोपियों में से 6 आरोपी – विनय कटियार, डॉ. रामविलास वेदांती, पवन पांडेय, गजानंद दास गांधी, संतोष दुबे और विजय बहादुर सिंह पहुंचे। कोर्ट ने आरोपियों से सवाल के लिए एक हजार प्रश्नों की लिस्ट तैयार की है। आज विजय बहादुर सिंह का ही बयान दर्ज किया जा सका।

दरअसल मुरली मनोहर जोशी, लालकृष्ण आडवाणी और उमा भारती को भी अपना बयान दर्ज कराने आना था लेकिन ये लोग नहीं आ सके। लखनऊ में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में गुरुवार की सुबह मामले की सुनवाई शुरू हुई। आरोपियों के खिलाफ कुल 354 गवाह पेश किए थे, जिनकी गवाही खत्म होने के बाद कोर्ट ने अभियोजन प्रपत्रों और गवाहों की गवाही के आधार पर आरोपियों से पूछने के लिए एक हजार से अधिक सवाल तैयार किए हैं।

लंबे प्रश्नों की वजह से सिर्फ एक आरोपी विजय बहादुर का ही बयान हो सका। बाकी के बयान अगले दिन लिए जाएंगे। इससे पूर्व लॉकडाउन के चलते पिछली तारीख पर कोई भी आरोपी बयान दर्ज कराने नहीं पहुंच सका था। सभी ने पेश होने के लिए समय मांगा था, जिसके कारण कोर्ट ने 4 जून की तारीख तय की थी।

क्या बोले विनय किटियार
पूर्व सांसद विनय कटियार ने कहा- कोर्ट का जो भी फैसला होगा मंजूर होगा। अभी इस प्रकरण में जिरह जारी है। ये काफी लंबा चौड़ा मामला है। बयान होने में समय लगेगा। हम अदालत को पूरा सहयोग कर रहे हैं।

31 अगस्त तक पूरी होनी है कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विशेष न्यायालय को आदेश दिया है कि वह हर हाल में 31 अगस्त तक अपना निर्णय दे। आरोपियों में लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, कल्याण सिंह, मुरलीमनोहर जोशी, बृजभूषण शरण सिंह, चम्पत राय समेत 32 के खिलाफ सुनवाई चल रही है। जबकि बाला साहेब ठाकरे, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णुहरी डालमिया समेत 17 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है।

जानें पूरा मामला
बता दें कि 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को उन्मादी भीड़ ने ढहा दिया था। इस मामले की रिपोर्ट रामजन्म भूमि थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी प्रियंबदा नाथ शुक्ल और चौकी प्रभारी गंगा प्रसाद तिवारी ने 6 दिसम्बर 1992 को दर्ज कराई थी। बाद में मामले की विवेचना सीबीआई को सौंपी गई जिसने कुल 49 आरोपियो के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours