बिहार में राज्यसभा की पांच सीटों के लिए होने वाले चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और के विपक्षी गठबंधन के बीच तकरार की आहट सामने आ रही है। दरअसल आरजेडी के पास दो सीटें हैं, जिसमें से कांग्रेस ने अब ‘पुराने वादों’ की याद दिलाते हुए अपने लिए एक सीट की दावेदारी कर दी है। हालांकि आरजेडी कांग्रेस को एक भी सीट देने के मूड में नहीं नजर आ रही है। आरजेडी ने कहा है कि कांग्रेस की तरफ से जिस वादे की याद दिलाई जा रही है, वह ‘विषेश परिस्थितियों’ में किए गए थे।
दरअसल, बिहार के विपक्षी गठबंधन में अभी उहापोह के हालात बन गए हैं। राष्ट्रीय जनता दल अपने दो प्रत्याशी देना चाहता है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस बिहार प्रदेश के प्रभारी और अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा में से किसी एक के लिए सीट पर दवा कर रही है। शक्ति सिंह गोहिल ने आरजेडी नेता को पत्र लिखकर लोकसभा चुनाव के वक्त किए गए वादे की याद दिलाई है। लोकसभा चुनाव के वक्त आरजेडी ने कांग्रेस को नौ सीटों के अतिरिक्त राज्यसभा की भी एक सीट का आश्वासन दिया था।
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‘सोनिया के साथ जब कोई नहीं, तब लालू थे’
हालांकि कांग्रेस के इस दावे पर आरजेडी के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा है कि गोहिल जिस वादे की याद दिला रहे हैं, वह ‘विशेष संदर्भ’ में किए गए थे। मनोज झा ने कहा, ‘लोकसभा चुनावों के वक्त जब तेजस्वी यादव ने वादे किए थे, तब आरजेडी लोकसभा की 40 में से 25 सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं और पार्टी के इतिहास में पहली बार हमें 20 से कम सीटों पर लड़ना पड़ा।’ यह याद रखा जाना चाहिए कि उस वक्त भी सोनिया गांधी के साथ खड़े रहे हैं, जब उनकी ही पार्टी के नेता उनके साथ पूरी तरह से नहीं खड़े थे।’
‘RJD पर मान्यता का संकट, समझे कांग्रेस’
उन्होंने कहा, ‘पिछले साल वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के निधन के बाद आरजेडी के पास केवल चार राज्यसभा सदस्य ही बचे थे। उनके निधन के बाद खाली हुई सीट पर बीजेपी ने जेडीयू की मदद से कब्जा जमा लिया था। राज्यसभा में मान्यता के लिए हमारे पास पांच या उससे अधिक सीटें होनी चाहिए। कांग्रेस को अब हमारे संकट को समझना चाहिए।’ सूत्रों के अनुसार अब आरजेडी चीफ लालू यादव ही इस बारे में कोई फैसला करेंगे।
RJD के खाते में 2 सीट, तेजस्वी के लिए अग्निपरीक्षा
गौरतलब है कि 9 अप्रैल को बिहार से खाली हो रही 5 राज्यसभा सीटों में से दो सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की झोली भरने वाली है। दरअसल खाली होने वाली पांचों सीट NDA के पास थी। लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव परिणाम से आंकड़ा गड़बड़ा गया। लिहाजा इस बार NDA के खाते में महज 3 सीट जाएगी। इस बार भले ही आरजेडी को दो सीटों का फायदा मिल रहा हो लेकिन इन दो सीटों पर उम्मीदवारों का चयन तेजस्वी यादव के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं साबित होगा।
बिहार में राज्यसभा की कितनी सीटें
आपको बता दें कि बिहार से राज्यसभा में 16 सीटें हैं। इनमें से जेडीयू – 6, बीजेपी-4, आरजेडी -3 और एलजेपी के साथ कांग्रेस के एक-एक सदस्य शामिल हैं। 16 में से 1 सीट अभी भी खाली है। बिहार में राज्यसभा की एक सीट के लिए 41 विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ती है। इस लिहाज से खाली होने वाले 5 सीटों में से दो जेडीयू, दो आरजेडी और एक सीट पर बीजेपी की जीत लगभग तय है।