बिहार: हड़ताल के साए में 15 लाख दे रहे परीक्षा

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पटना
बिहार में शिक्षकों के हड़ताल पर जाने की घोषणा के बीच सोमवार से प्रदेश बोर्ड की 10वीं की परीक्षाएं भी शुरू हो गईं। पहली पाली की परीक्षा संपन्न होने के बाद दूसरी पाली की परीक्षा भी पूरी हो गई है। इस दौरान नकलविहीन परीक्षा के लिए राज्य सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था होने का दावा किया है। साथ ही सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में दोषी शिक्षकों को निलंबित और बर्खास्त करने की भी तैयारी है।

बता दें कि सोमवार से शुरू हुई की मैट्रिक परीक्षा में 15,29,393 छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं। छात्रों की संख्या ज्यादा होने की वजह से परीक्षा दो पालियों में कराई जा रही है। पहली पाली की परीक्षा सुबह साढ़ 9 बजे शुरू हुई और दोपहर 12.15 बजे तक होगी। वहीं, दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 1.45 बजे से दोपहर साढ़े 4 बजे तक होगी। छात्रों को प्रश्नपत्र पढ़ने और निर्देश समझने के लिए 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।

76 हजार स्कूलों में पढ़ाई
ठप्प
इस बीच, प्रदेश में ‘समान काम-समान वेतन’ की अपनी मांग को लेकर 28 शिक्षक संघों ने सोमवार से हड़ताल का ऐलान किया है। इस दौरान शिक्षक पूर्ण रूप से कार्य-बहिष्कार करेंगे। बताया गया कि इससे प्रदेश के तकरीबन 76 हजार स्कूलों में पढ़ाई ठप्प रहेगी। संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 25 फरवरी तक उनकी मांगों पर फैसला नहीं हुआ तो पूरे राज्य में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

सरकार की बर्खास्त करने की चेतावनी
वहीं, हड़ताल खत्म करने की प्रदेश सरकार में शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा की अपील भी काम नहीं आई। साथ ही राज्य सरकार की चेतावनी से भी शिक्षकों पर कोई असर नहीं पड़ा है। सरकार ने हड़ताली शिक्षकों पर बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम, 1981 की धारा 10 के तहत कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि शिक्षक अगर काम पर वापस नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज कर निलंबित और बर्खास्त किया जाएगा।

इसके अलावा बिहार बोर्ड ने दावा किया है कि शिक्षकों की हड़ताल के मद्देनजर परीक्षाओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था रखी गई है। इसके लिए पर्यवेक्षक, पंचायत सचिव, कृषि समन्वयक आदि लोगों की सेवाएं ली जाएंगी।

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