बेकरी की आड़ में चल रहा था रेल टिकटों का गोरखधंधा, 22 लाख के ई-टिकट मिले

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पटना
रेल के टिकटों के गोरखधंधे के खिलाफ रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने सख्त कार्रवाई शुरू की हुई है। उसी कड़ी में बुधवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी कर एक सॉफ्टवेयर के जरिए रेल टिकट को कंफर्म करने वाले गिरोह का खुलासा किया गया है। अब इस गिरोह को लेकर कई तरह के खुलासे हो रहे हैं। आरपीएफ की टीम ने कल इसी क्रम में बिहार की राजधानी पटना में भी छापा मारा था जहां एक बेकरी की दुकान के जरिए टिकट के इस कालाबजारी को अंजाम दिया जा रहा था।

आरपीएफ ने पटना में एक ऐसे टिकट दलाल को गिरफ्तार किया है जो बेकरी की दुकान की आड़ में ई- टिकट की दलाली करता था। आरपीएफ पटना ने दलाल कासिफ जाकिर के पास से 22 लाख रुपये से अधिक कीमत के ई-टिकट बरामद किए हैं। गिरफ्तार किया गया टिकट दलाल कासिफ जाकिर पटना सिटी के आलमगंज थाने के अग्रवाल टोला का रहने वाला है। मोहम्मद कासिफ जाकिर नाम का यह दलाल दर्जनों साफ्टवेयर के जरिए ई-टिकट बनाकर ऊंचे दामों में यात्रियों को बेचता था। आरपीएफ ने धारा 143 रेल अधिनियम के तहत कांड संख्या 464/20 दर्ज कर गुरूवार को जेल भेज दिया।

पहले आरपीएफ को समझ नहीं आया माजरा
गुप्त सूचना के आधार पर जब आरपीएफ छापेमारी करने पहुंची तो उस जगह पर बेकरी की दुकान थी। पहले तो आरपीएफ के समझ में कुछ नहीं आया,क्योंकि दुकान पर दलाल के स्टाफ बैठे हुए थे। लेकिन जब बाद में जांच की गई तो पता चला कि कासिफ खुद दुकान के पिछले हिस्से में बैठकर ई-टिकट बनाने का काम करता था। उसका घर भी दुकान से ही सटा हुआ है। बताया जा रहा है कि आरोपी बेकरी की दुकान सिर्फ नाम के लिए चलाता था, जबकि वो दिन-रात टिकट की दलाली में लगा रहता था। जानकारी के मुताबिक पटना के ग्रामीण क्षेत्रों में भारी संख्या में उसके ग्राहक थे, जिनको वह टिकट बनाकर देता था और उनसे ऊंची कीमत वसूलता था।

पकड़े जाने के डर से कासिफ ने 5 सितंबर से नहीं बनाए टिकट
पटना जंक्शन के आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी वीके सिंह ने बताया कि उन्हें पटना सिटी इलाके से लगातार टिकट की दलाली की शिकायत मिल रही थी। शिकायत मिलने के बाद दलाल पर नजर रखने के लिए फतुआ की टीम को काम पर लगाया गया था। हालांकी, कासिफ पर नजर रखी जा रही है इसकी जानकारी कासिफ को भी हो गई थी, जिसके चलते उसने 5 सितंबर के बाद से टिकट बनाना बंद कर दिया था। छापे के बाद उसके पास से 22 लाख चार हजार और 205 रूपये के टिकट बरामद किए गए।

कई सॉफ्टवेयर्स के मदद से चला रहा था गोरखधंधा
आरपीएफ ने बताया कि टिकट दलाल कासिफ ई- टिकट बनाने के लिए दर्जनों सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था। बुधवार की रात छापेमारी के बाद जांच से पता चला कि वह तत्काल टिकट बुक करने के लिए प्रो रियल मैंगो, एएनएमएस, रेड मिर्ची समेत दर्जनों सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था। इन सॉफ्टवेयर के जरिए कई बार वो आईआरसीटीसी की बेवसाइट को भी हैक कर लेता था, फिर आसानी से टिकट बनाकर लोगों को ऊंचे दामों पर बेच देता था। टिकट बनाने के लिए अलग-अलग आईडी का इस्तेमाल करने के अलावे उसने टिकटों की सप्लाई के लिए डिलीवरी ब्वॉय भी रखा था।

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