कोरोना महामारी को लेकर देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन कुछ लोगोंं की गैर-जिम्मेदाराना हरकत को लेकर गुस्से में हैं। उनका मानना है कि अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति न सिर्फ संतोषजनक है, बल्कि अगर कुछ लोगों ने गैर-जिम्मेदाराना रवैये नहीं दिखाया होता तो आज देश इस जंग में जीत के और अधिक करीब होता।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि हम कोविड-19 से होने वाले नुकसान को काफी हद तक रोकने में सफल रहे हैं। लॉकडाउन (बंद) और सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देशों का लगभग सभी लोगों ने निष्ठापूर्वक पालन किया। मेरा मानना है कि लॉकडाउन, पूरी तरह से सफल साबित हुआ है और इसने हमें बड़ी चुनौती से निपटने में भी सक्षम बना दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के 14 अप्रैल के संबोधन का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि अगर देश में 25 मार्च से 21 दिन का पूर्ण लॉकडाउन नहीं लागू किया गया होता तो भारत की हालत यूरोप के देशों जैसी ही खराब होती।
भारत में तेजी से संक्रमण बढ़ने के मद्देनजर सामुदायिक संक्रमण की स्थिति में पहुंचने की आशंकाओं को निराधार बताते हुये डा. हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘मैंनें पहले भी स्पष्ट किया है कि देश के न तो अभी और न ही आने वाले समय में तीसरे चरण यानि सामुदायिक संक्रमण की स्थिति में प्रवेश की कोई आशंका है। हम यह कह सकते हैं कि कई बार निमोनिया के सैंकड़ों रोगियों के नमूनों की जांच की गई, लेकिन तीसरे चरण की स्थिति बनने के कोई आसार दिखाई नहीं दिए।
कुछ लोगों की लापरवाही से फैला संक्रमण
उन्होंने कहा कि देश के कुल 730 जिलों में से 353 में संक्रमण का कोई असर नहीं है। संतोष की बात है कि उपचार के बाद स्वस्थ होने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। संक्रमण की दर में अचानक उछाल आने के बारे में उन्होंने कहा, हमने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिये सभी ऐहतियाती कदम उठा लिये थे, लेकिन कुछ लोगों के गैर-जिम्मेदाराना रवैये, उनके अनियंत्रित व्यवहार से अनेक राज्यों में संक्रमण बढ़ा । नतीजतन 29.3 फीसद नये मामले, एक विशेष समुदाय के कारण उपजे हालात के फलस्वरूप सामने आये हैं। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुये कहा कि अब इसके विश्लेषण से ज्यादा आवश्यकता इस बात की है कि सारे देश में ऐसे सभी लोगों की तलाश की जाए, उनका उपचार किया जाए, जो कि हम कर रहे हैं।
चिकित्सा के संसाधनों की कोई कमी नहीं
चिकित्सा उपकरणों की कमी के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम उपकरणों की उपलब्धता पर 24 घंटे नजर रखते हैं और इनकी बिल्कुल भी कमी नहीं होने देते। इसके लिए एक नहीं अनेक प्रकार की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा, जहां तक वेंटिलेटर की बात है, यह स्पष्ट करना जरूरी है कि बहुत कम लोगों को ही इसकी जरूरत होती है। इस समय बड़ी संख्या में वेंटिलेटर की जरूरत नहीं है और कोविड-19 के विशेष अस्पतालों में 10,600 से अधिक संख्या में वेंटिलेटर उपलब्ध है। 55,884 वेंटिलेटर की खरीद के आर्डर दे दिये गये हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन सहित किसी भी दवा की कोई कमी नहीं है।