बैन लिस्ट में ये महत्वपूर्ण रक्षा उपकरण, देखें लिस्ट

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नई दिल्ली
रक्षा मंत्रालय ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत बड़ी घोषणा कर दी है। देश में रक्षा उपकरणों का उत्पादन बढ़ाने के लिए 101 उपकरणों के आयात पर रोक लगाई जाएगी। इन वस्तुओ में बड़ी बंदूकों से लेकर मिसाइल तक शामिल हैं। रक्षामंत्रालय ने 101 उत्पादों की लिस्ट जारी की है। इसका मकसद डिफेंस इंडस्ट्री को को यह जताना है कि उसे किन-किन चीजों की जरूरत है और वे इसके लिए खुद को तैयार करें। कई दौर की बातचीत और सभी स्टेकहोल्डर्स से बात करने के बाद ही यह लिस्ट तैयार की गई है।

मंत्रालय ने 2020-21 के कैपिटल प्रोक्योरमेंट बजट में घरेलू और विदेशी कैपिटल प्रोक्योरमेंट के लिए भी बंटवारा कर दिया है। साथ ही चालू वित्त वर्ष में घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए लगभग 52,000 करोड़ रुपये का एक अलग बजट बनाया गया है। 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर लगे इस नए प्रतिबंध के चलते अनुमान है कि अगले पांच से सात वर्षों के भीतर घरेलू उद्योग में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के अनुबंध किए जाएंगे। अनुमानित तौर पर इसमें से सेना और वायु सेना के लिए लगभग 1.3 लाख करोड़ रुपये के उपकरण और 1.4 लाख करोड़ रुपये के उपकरण नौसेना के लिए होंगे।

आइए देखते हैं कौन से वे अहम उपकरण हैं जिनके आयात पर रोक लगाई जाएगी-
हाईटेक हथियार जैसे आर्टिलरी गन्स
असॉल्ट राइफलें,
कोरवेट्स,
सोनार सिस्टम
परिवहन विमान
हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच)
रडार समेत रक्षा सेवाओं की कई अन्य जरूरी वस्तुएं
पहियों वाले बख्तरबंद लड़ाकू वाहन (एएफवी),
पनडुब्बियां
टोएड आर्टिलरी बंदूकें
कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें
क्रूज मिसाइलें
इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली
अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत
फ्लोटिंग डॉक
पनडुब्बी रोधी रॉकेट लॉन्चर
कम दूरी के समुद्री टोही विमान
हल्के रॉकेट लॉन्चर
मल्टी बैरल रॉकेट लांचर
मिसाइल डेस्ट्रॉयर
रॉकेट
दृश्यता की सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें अस्त्र-एमके 1
जहाजों पर लगने वाली मध्यम श्रेणी की बंदूकें

अगले पांच साल में 130 अरब डॉलर की खरीद
सिंह की घोषणा रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद नीति के मसौदे के एक सप्ताह के बाद सामने आयी है। मसौदे में रक्षा मंत्रालय ने 2025 तक रक्षा विनिर्माण में 1.75 लाख करोड़ रुपये (25 अरब डॉलर) के कारोबार का अनुमान लगाया है। भारत शीर्ष वैश्विक रक्षा कंपनियों के लिये सबसे आकर्षक बाजारों में से एक है। भारत पिछले आठ वर्षों से सैन्य हार्डवेयर के शीर्ष तीन आयातकों में शामिल है। अनुमान के मुताबिक, भारतीय सशस्त्र बल अगले पांच वर्षों में 130 अरब डॉलर की खरीद करने वाले हैं।

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सिंह ने कहा, ‘यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह भारतीय रक्षा उद्योग को इस सूची में शामिल वस्तुओं का अपने स्वयं के डिजाइन व विकास क्षमताओं का उपयोग करके या डीआरडीओ द्वारा विकसित व डिजाइन की गयी प्रौद्योगिकियों को अपनाकर मौके का फायदा उठाने का अवसर देता है।’ रक्षा मंत्री ने कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण कदम के तहत रक्षा मंत्रालय ने 2020-21 के पूंजीगत खरीद बजट को घरेलू व विदेशी पूंजीगत खरीद में डिवाइड किया है।

घरेलू खरीद के लिए 52 हजार करोड़ का बजट
चालू वित्त वर्ष में घरेलू खरीद के लिये करीब 52 हजार करोड़ रुपये का एक अलग बजट बनाया गया है। सिंह ने कहा कि इस सूची में शामिल किये गये उपकरणों का घरेलू विनिर्माण तय समयसीमा के भीतर सुनिश्चित करने के लिये सभी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इन उपायों में रक्षा सेवाओं के द्वारा उद्योग जगत को ऊपर उठाने का एक कोऑर्डिनेटेड सिस्टम भी शामिल होगा। उन्होंने कहा, ‘आयात पर इस रोक को 2020 और 2024 के बीच उत्तरोत्तर अमल में लाने की योजना है। सूची की घोषणा के पीछे का उद्देश्य सशस्त्र बलों की प्रत्याशित आवश्यकताओं के बारे में भारतीय रक्षा उद्योग को अवगत कराना है, ताकि वे स्वदेशीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये बेहतर रूप से तैयार हो सकें।’

रक्षा मंत्री ने कहा कि सूची में पहिये वाले बख्तरबंद लड़ाकू वाहन (एएफवी) भी शामिल हैं, जिनके लिये अमल की सांकेतिक तिथि दिसंबर 2021 है। थल सेना के द्वारा पांच हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से ऐसे 200 वाहनों के अनुबंध दिये जाने के अनुमान हैं। उन्होंने कहा, ‘इसी तरह नौसेना के द्वारा दिसंबर 2021 की सांकेतिक अमल तारीख के साथ पनडुब्बियों की खरीद के अनुमान हैं।

नौसेना करीब 42 हजार करोड़ रुपये की लागत से छह ऐसी पनडुब्बियों के अनुबंध दे सकती है। वायु सेना के लिये हल्के लड़ाकू विमान एमके 1ए को सूची में शामिल करने का निर्णय लिया गया है, जिनके लिये अमल की सांकेतिक तारीख दिसंबर 2020 होगी। वायु सेना के द्वारा 85 हजार करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत पर 123 ऐसे विमानों के अनुबंध दिये जाने के अनुमान हैं।’

कब से लागू होंगे प्रतिबंध?
एक सरकारी दस्तावेज के अनुसार, 69 वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध दिसंबर 2020 से लागू होगा, जबकि अन्य 11 वस्तुओं पर प्रतिबंध दिसंबर 2021 से लागू होगा। दिसंबर 2022 से आयात प्रतिबंधों के लिये चार वस्तुओं की एक अलग सूची की पहचान की गयी है, जबकि आठ वस्तुओं के दो अलग-अलग खंडों पर प्रतिबंध दिसंबर 2023 और दिसंबर 2024 से लागू होगा। लंबी दूरी के लैंड अटैक क्रूज मिसाइलों पर आयात प्रतिबंध दिसंबर 2025 से लागू होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि संबंधित पक्षों के साथ परामर्श के आधार पर आगे भी ऐसे सामानों की सूची बनायी जाएगी, जिनके आयात पर रोक लगाने की जरूरत होगी।

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