बिहार से सटे भारत-नेपाल बॉर्डर (India Nepal Border) के पास पिछले दिनों हुई फायरिंग की घटना के बाद हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। नेपाल पुलिस की ओर से की गई अंधाधुंध फायरिंग में ( Near Bihar Border) सीतामढ़ी के एक शख्स की मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए। नक्शा विवाद के बाद इस घटना के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ता दिख रहा है। यही वजह है कि बॉर्डर पर भारतीय जवानों की गश्त बढ़ा दी गई है। यही नहीं अधिकारियों ने सशस्त्र सीमा बल के जवानों को मुस्तैद रहने के लिए कहा है। दूसरी ओर नेपाल ने फायरिंग की घटना के बाद अपने रुख में बदलाव किया है।
नेपाल ने फायरिंग के बाद पीछे खींचे अपने कदम
जानकारी के मुताबिक, नेपाल ने उस बॉर्डर पोस्ट से अपने जवानों को थोड़ा पीछे कर लिया है जहां फायरिंग की घटना हुई थी। दरअसल, फायरिंग का पूरा मामला नारायणपुर बॉर्डर और लालबन्दी बॉर्डर इलाके का है। भारतीय अधिकारियों के मुताबिक, फायरिंग की घटना नेपाल इलाके में हुई। वहीं इस घटना के बाद नेपाल सशस्त्र पुलिस नारायणपुर पोस्ट छोड़कर पीछे हट गई है। करीब 100 मीटर पीछे हटने के साथ ही नेपाल पुलिस ने जवानों की संख्या में इजाफा कर दिया है।
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शुक्रवार को सीतामढ़ी बॉर्डर के पार की थी फायरिंग
इस बीच भारत-नेपाल बॉर्डर के पास नेपाल सशस्त्र पुलिस की शुक्रवार सुबह की गई फायरिंग के मामले में लगातार खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में चश्मदीद लगन किशोर को नेपाल पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया था। लेकिन बाद में बढ़ते दबाव के बाद लगन को घटना के अगले ही दिन रिहा कर दिया। लगन करीब 12 घंटे से ज्यादा समय तक नेपाल पुलिस की हिरासत में रहा।
एक शख्स को अपने साथ ले गई थी नेपाल पुलिस, बाद में छोड़ा
सीतामढ़ी के रहने वाले लगन किशोर ने बताया, 12 जून की सुबह 8 बजे फायरिंग की घटना के बाद नेपाल पुलिस उसे उठाकर अपने साथ संग्रामपुर ले गई थी। उसने यहां तक दावा किया कि नेपाल पुलिस ने उन्हें बिहार की सीमा में अंदर घुसकर उठाया। संग्रामपुर ले जाकर ये बुलवाने की कोशिश की कि उन्हें नेपाल सीमा से उठाया गया है। लगन के मुताबिक उनके बेटे की शादी नेपाल में हुई है। नेपाल से उनकी बहू और समधन 12 जून को परिवार के साथ सीतामढ़ी में अपने परिवार वालों से मिलने के लिए आईं थीं। लेकिन उन्हें बॉर्डर पर नेपाल पुलिस ने रोक लिया। इसी के बाद विवाद बढ़ा और फिर नेपाल सशस्त्र पुलिस ने फायरिंग कर दी।
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नेपाल से छूटकर आए शख्स ने बताया- क्यों नेपाल पुलिस ने की थी फायरिंग
चश्मदीद लगन के दावे को मानें तो ऐसा लगता है कि नेपाल पुलिस ने जानबूझकर और बगैर किसी वजह के फायरिंग की। एक तरफ नेपाल से भारत में रोटी-बेटी के रिश्ते की दुहाई दी जाती है। लेकिन इस घटना के बाद ऐसी दुहाइयां भी सवालों के घेरे में है। हालांकि अभी तक लगन के खुलासे पर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है। दूसरी ओर नेपाल में हुई फायरिंग को गृह मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है। एसएसबी डीजी कुमार राजेश चंद्रा ने भी बताया था कि शुरुआती निष्कर्ष के आधार पर बनाई गई एक तथ्यात्मक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी गई है। उन्होंने पूरे घटनाक्रम को अचानक पैदा हुई स्थानीय परिस्थितियों से जोड़ा था।
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