जम्मू कश्मीर में शांति और स्थिरता पर जोर देते हुए नव नियुक्त उपराज्यपाल ने शुक्रवार को कहा कि प्रशासन अनिश्चितता की स्थिति और आतंकवाद को खत्म करने के लिए लोगों के साथ जल्द ही सीधा संवाद शुरू करेगा। केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल की शपथ लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सिन्हा ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन बताया।
मीडिया से बात करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा कि कई वर्षों तक अलग-थलग रहने के बाद जम्मू कश्मीर मुख्यधारा में शामिल हो गया है। प्रशासन की प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए 61 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमें जम्मू कश्मीर के आम लोगों से संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है।’ उन्होंने कहा, ‘इसमें हमारा कोई एजेंडा नहीं है, किसी के भी खिलाफ कोई भेदभाव नहीं होगा। इसमें संविधान गीता होगी।’
‘शांति और स्थिरता होनी चाहिए कायम’
राज भवन में एक सादे समारोह में पद की शपथ लेने वाले सिन्हा ने कहा कि लोगों के साथ सीधे संवाद की प्रक्रिया कुछ दिनों में शुरू होगी। उपराज्यपाल ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में शांति एवं स्थिरता कायम होनी चाहिए। अनिश्चितता की स्थिति खत्म होनी चाहिए, आतंकवाद का खात्मा होना चाहिए। तेजी से विकास करने के साथ इन सभी को हासिल करना हमारा उद्देश्य, हमारा मिशन होगा।’
रेल राज्यमंत्री के बाद अब उपराज्यपाल की जिम्मेदारी
मनोज सिन्हा निवर्तमान उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मु के स्थान पर अपना कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं। यूपी के गाजीपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले मनोज सिन्हा आईआईटी वाराणसी के छात्र रहे हैं। मनोज सिन्हा नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार में संचार और रेल राज्यमंत्री भी रह चुके हैं।
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