भाजपा की मोदी सरकार कृषि बिल में सदन में चर्चा से भागी अब सड़क में चर्चा से भागेंगे नहीं इसकी क्या गारंटी?-कांग्रेस

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रायपुर: मोदी सरकार के नए कृषि कानून पर भाजपा के चर्चा के चैलेंज पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा बताएं कृषि बिल में चर्चा करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आएंगे की कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी आएंगे या 15 साल तक किसान विरोधी भाजपा सरकार के मुखिया रहे डॉ रमन सिंह जी चर्चा करेंगे। मोदी भाजपा ने नोटबंदी के लिए भी आम जनता से 50 दिन का समय मांगा था और नोटबंदी असफल होने पर जनता जिस चौराहे पर बुलाएगी उस चौराहे पर सजा भुगतने आने की बात कही थी, जनता आज तक इंतजार कर रही है। अब मोदी सरकार के तीन काले कानून के खिलाफ देशभर में किसानों के धरना प्रदर्शन से डरी सहमी भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ के सड़कों पर कृषि बिल पर चर्चा करना चाहते हैं। भाजपा के नेता तय कर ले किस स्थान पर, किस दिन, किस समय चर्चा उनको करनी है। जिस कृषि बिल पर चर्चा करने से मोदी सरकार और उनके मंत्रीमंडल, भाजपा के 303 सांसद सदन में जवाब देने से बचते रहे। पूँजीपतियों के दबाव में सदन में लोकतांत्रिक परम्पराओं को तार-तार किया गया। विपक्ष की आवाज को दबाया गया, अधिकारों को कुचला गया, वो भाजपा अब सड़क में कृषि बिल पर चर्चा करना चाहती है। लेकिन छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता इस बात की गारंटी दे कृषि बिल में चर्चा से जिस तरह सदन में पूरी मोदी सरकार भाग गई। उस तरह भाजपा के नेता सड़क से भागेंगे नही।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा बताएं मोदी सरकार के तीन नए बिल के किस कॉलम में किसानों की उपज को समर्थन मूल्य में लेने की अनिवार्यता का उल्लेख किया गया है? किसानों के उपज को घोषित समर्थन मूल्य से कम कीमत में खरीदी करने वालो पर क्या कानूनी कार्यवाही का प्रावधान किया गया है? बिल में किसानों की आमदनी दोगुनी करने क्या प्रावधान है? बिल में स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की क्या व्यवस्था है?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के नेता यह बता दे कि वे अपना धान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा खरीदी जा रही 2500 रु प्रति क्विंटल की दर पर बेचेंगे या मोदी सरकार के तीन किसान विरोधी काला कानून के हिसाब से पूंजीपति व्यापारियों को बेचेंगे। छत्तीसगढ़ में बेचेंगे या छत्तीसगढ़ से बाहर धान लेकर हरियाणा जाएंगे।

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