अहमदाबाद: भाजपा सांसदों के बाद अब विधायक भी गुजरात की रूपाणी सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न उठाने लगे हैं। BJP MLA केतन ईनामदार ने जनता के काम नहीं होने व उपेक्षा से तंग आकर विधायक पद से ही इस्तीफा सौंप दिया। प्रदेश की राजनीति में इसे मुख्यमंत्री रुपाणी के लिए बढा झटका माना जा रहा है, विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफा मिलने से इनकार किया है।
वडोदरा जिले की सावली िवधानसभा से चुने गए विधायक केतन ईनामदारने विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्रत्रिवेदी को भेजे गए अपने इसतीफे में कहा हैकि सरकार व प्रशासन में संकलन का अभाव है। मंत्री व अधिकारी उनके क्षेत्रकेविकास व जनता के कार्यों को लेकर उदासीन हैं। उनकी सिफारिशके बावजूद उनकीव उनके कामों की उपेक्षा की जाती रही है। ईनामदार ने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप में उनका सम्मान नहीं रखा जाता है। विधायक के इस्तीफे से एक बार पिफर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा कि भाजपा सरकार में विधायकों के काम नहीं हो रहे हैं। मंत्री व अधिकारी विधायकों की नहीं सुनते, सरकार में पॉलिसी पैरालिसिस की स्थिति है। सरकार के सेवा सदन अब मेवा सदन बन गए हैं, जहां पैसों के बिना काम नहीं होते।
गौरतलब है सत्ता के गलियारों में पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को लेकर कई तरह की अटकलें चल रही हैं, भर्ती प्रकिया में अनियमितता, सांसदों व विधायकों की सिफारिश के बावजूद जनता के काम नहीं होने की बात को लेकर पहले सांसद व अब विधायक भी सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न उठाने लगे हैं। विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने जहां केतन ईनामदार का इस्तीफा नहीं मिलने की बात कही वहीं भाजपा अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी व प्रवक्ता भरतभाई पंड्या ने मीडिया के माध्यम से इस्तीफे जानकारी मिलने की बात कही है। पंड्या ने कहा कि सरकार व प्रशासन में कौन अधिकारी उनके कामोंकी उपेक्षा कर रहे हैं इसकी जानकारी ली जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि ईनामदार पहले की तरह भाजपा के समर्पित व निष्ठावान कार्यकर्ता की तरह जनसेवा के काम करते रहेंगे। पंड्या ने कहा कि कांग्रेस विधायक के इस्तीफे से उत्साह में नहीं आए, सरकार व संगठन में सब ठीक है।