भाजपा सांसद द्वारा किसान आंदोलन को नक्सलवादी, खालिस्तानी समर्थक बताया जाना आपत्तिजनक -कांग्रेस

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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के सांसद संतोष पांडेय द्वारा देशभर में चल रहे किसान आंदोलनों को खालिस्तानी समर्थकों, नक्सलवादियों का आंदोलन बतायें जाने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति व्यक्त किया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद अपने इस आपत्तिजनक बयान के लिये देश और प्रदेश के किसानों से माफी मांगे। कांग्रेस प्रदेश भारतीय जनता पार्टी से मांग करती है कि वह स्पष्ट करें कि अपने दल के सांसद के किसानों के बारे में दिये गये इस बयान से वह कितना इत्तफाक रखते है?
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सासंद पांडे के द्वारा लगाये गये आरोप गंभीर है। संतोष पांडेय देश की सत्ता रूढ़ पार्टी के सांसद है यदि उनके पास ऐसा कोई पुख्ता प्रमाण है कि किसान आंदोलन नक्सलवादियों, खालिस्तान समर्थकों का आंदोलन है तो उन्होने इसकी जानकारी तथा सबूतों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी दिया है अथवा नहीं? यदि सांसद पांडेय ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को यह जानकारी दे दी है तो अपने सांसद के द्वारा दी गयी इस संवेदनशील जानकारी के आधार पर केन्द्र सरकार ने क्या कार्यवाही किया है? यदि सांसद पांडेय ने किसान आंदोलन के बारे में गलत और भ्रामक बयान दिया है तो भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व और केन्द्र सरकार उनके खिलाफ कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है?
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सांसद संतोष पांडेय इसके पहले भी किसान आंदोलन पर आपत्तिजनक बयान दे चुके है तक भारतीय जनता पार्टी और स्वयं सांसद संतोष पांडेय ने इस पर माफी मांगते हुये कहा उनके बयान को तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया था। एक बार फिर से किसान आंदोलन को नक्सलियों और खालिस्तानियों का आंदोलन बता कर भाजपा सांसद ने भाजपा दल के अन्नदाताओं के प्रति घटिया मानसिकता को उजागर किया है। दिल्ली के किसान आंदोलन में हरियाणा, पंजाब के साथ देश के अन्य राज्यों से भी किसान समर्थन करने पहुंच रहे है। छत्तीसगढ़ से भी हजारों की संख्या में किसान दिल्ली समर्थन करने गये हैं तो क्या देश के ये सारे किसान साथी नक्सली और खालिस्तान समर्थक है? सरकार की चाटुकारिता में भाजपा सांसद जिन किसानों के वोट की बदौलत सांसद बने है, उन किसानों के हक की आवाज बनने के बजाय किसानों को ही देशद्रोही बताने पर तुले हुये है। सांसद पांडेय के इन बयानों का हिसाब किसान 2024 के लोकसभा चुनाव में लेंगे।

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