सबसे बड़े पर्यावरण संकट का सामना कर रहे मॉरीशस को भारत ने मदद भेजी है। वहां की सरकार ने साउथ-ईस्ट कोस्ट में ईंधन लीक से निपटने के लिए मदद मांगी थी। जिसके बाद भारत सरकार ने वायुसेना के एक विमान में 30 टन से ज्यादा तकनीकी उपकरण और मैटीरियल भिजवा दिए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जानकरी दी कि पोर्ट लुई में भारतीय एयरक्राफ्ट लैंड कर गया है। इस विमान में भारतीय कोस्ट गार्ड की 10 सदस्यीय तकनीकी टीम भी गई है।
SAGAR पॉलिसी के तहत भेजी गई मददभारत ने कोस्ट गार्ड की 10 सदस्यीय टेक्निकल रेस्पांस टीम भेजी है। इस टीम में तेल लीक को कंटेन करने में माहिर कोस्ट गार्ड के कर्मचारी शामिल हैं। भारत ने यह मदद हिंद महासागर में अपने पड़ोसियों को मानवतावादी मदद और आपदा राहत की नीति के तहत भेजी है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन SAGAR (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) की दिशा में लिया गया है।
25 जुलाई को पैदा हुआ संकटमॉरीशस के साउथ-ईस्ट कोस्ट पर जापान की नागाशिकी शिपिंग कंपनी का MV वाकाशिओ जहाज 25 जुलाई को मूंगा चट्टान से टकरा गया था। जहाज के पतवार में दरार की वजह से ईंधन लीक होना शुरू हो गया। प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगनाथ ने मॉरीशस में पर्यावरण आपातकाल का ऐलान कर रखा है। उन्होंने इंटरनैशनल कम्युनिटी से मदद मांगी थी। ग्रीनपीस ने कहा है कि यह लीक मॉरीशस के इतिहास में सबसे बड़ा पर्यावरण संकट है।
तस्वीरों में दिखी भयावहतासैटलाइट तस्वीरों में ईंधन जहाज से निकलता दिखाई दिया है। शिपिंग कंपनी के अनुसार, खराब मौसम की वजह से उसे टैंकर को निकालने में समस्या आ रही है। इस घटना से मॉरीशस की अर्थव्यवस्था, फूड सिक्यॉरिटी और हेल्थ पर बुरा असर पड़ने की आशंका जताई गई है। पर्यटन ही मॉरीशस की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है।