भारत ने लौटाया, जानें कौन हैं यह ब्रिटिश सांसद

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नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने की आलोचक रहीं डेब्बी अब्राहम्स को वैध कागजात नहीं होने के कारण दुबई डिपोर्ट कर दिया गया। अब्राहम्स दुबई से ही भारत आई थीं। की सांसद के वैध वीजा बयान का गृह मंत्रालय ने खंडन करते हुए कहा कि ब्रिटिश सांसद का ई-वीजा रद्द कर दिया गया था। अब्राहम्स को डिपोर्ट करने के सरकार के कदम का कांग्रेस ने आलोचना की है। आइए जानते हैं कौन हैं ब्रिटिश सांसद डेब्बी अब्रहाम्स

ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी की हैं सांसद
अब्राहम्स ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी की सांसद हैं। वह 2011 से ही आउटर ग्रेटर मैनचेस्टर के ओडहाम ईस्ट और सिडलवर्थ से सांसद हैं। वह 2015, 2017 और 2019 में सांसद चुनी गई थीं। अब्राहम्स ब्रिटिश संसद की जून 2011-2015 तक वर्क ऐंड पेंशन सिलेक्ट कमिटी की सदस्य रहीं। वह दोबारा 2015 में इस पद पर चुनी गईं।

कश्मीर पर संसदीय समिति की अध्यक्ष
लेबर सांसद कश्मीर पर सर्वदलीय संसदीय समिति (APPG) की अध्यक्ष हैं। APPG में ब्रिटेन के दोनों सदनों हाउस ऑफ लॉर्ड्स और हाउस ऑफ कॉमन्स के सदस्य शामिल होते हैं। APPG का उद्देश्य कश्मीर में वहां के लोगों से बातचीत कर ‘स्वायतत्ता’ का समर्थन करना है। इसके लिए ब्रिटिश संसद से सहयोग लेना और कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे को उठाना और कश्मीर के लोगों के लिए न्याय की मांग करना है।

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कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करने का किया था विरोध
अब्राहम्स उन सांसदों में एक हैं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष राज्य के दर्जे को वापस लिए जाने के बाद औपचारिक पत्र जारी किए थे। विपक्षी सांसद ने उस समय ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक राब को पत्र लिखकर कहा था, ‘हम भारत के गृह मंत्री अमित शाह के इस ऐलान से बहुत चिंतिंत हैं कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने से संबंधित भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को राष्ट्रपति के आदेश द्वारा हटा दिया गया।’

हेल्थ पेशेवर हैं अब्राहम्स
जहां तक अब्राहम्स के प्रोफेशनल बैकग्राउंड की बात की जाए तो वह फैकल्टी ऑफ पब्लिक हेल्थ की फेलो रही हैं। यह संस्था ब्रिटेन के डॉक्टरों और विशेषज्ञों की शीर्ष प्रोफेशनल बॉडी है। अब्राहम्स देश में हेल्थ मिनिस्टरी को सलाह देने के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी सलाह देती हैं।

सरकार ने कहा, वीजा कैंसल था फिर भी आईं दिल्ली
उधर, गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटिश सांसद को यह जानकारी दी गई थी कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है लेकिन बावजूद इसके वह दिल्ली पहुंच गईं। वहीं, जब समाचार एजेंसी पीटीआई ने डेबी से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा, ‘मुझे 13 फरवरी से पहले कोई मेल नहीं आया था। इसके बाद से वह यात्रा पर हैं और अपने ऑफिस से बाहर थीं।’ उन्होंने दावा किया कि वह जब दिल्ली में इमिग्रेशन डेस्क के पास पहुंचीं तो अधिकारी ने अपनी स्क्रीन पर कुछ देर देखा और फिर कहा कि आपका वीजा रद्द कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी ने पासपोर्ट ले लिया और 10 मिनट तक गायब रहा।

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